बिहार के किसान आए दिन कुछ न कुछ अलग तरह की खेती या बागवानी करते रहते है जो की आज के समय में यह बेहद लोकप्रिय है. वही एक बार फिर मुजफ्फरपुर के चर्चित किसान रामकिशोर सिंह ने कामरांगा फल या यूं कहे कमरख फल जिसको स्टार फल के नाम से जाना जाता उसको अपने बागों में उगाया है.
यह फल अपनी एक खास खूबियों और स्वास्थ्य से भरे हुए होने के कारण हड्डियों के रोगी और अन्य बीमारी के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद है. बंगाल और वर्षा वन क्षेत्र में होने वाली इस स्टार फ्रूट की चर्चा इन दिनों जिले में खूब हो रही है वही लोग इसको खरीद कर अपने बागों में लगाने के लिए आ रहे हैं.दअरसल भूमध्य सागरीय वर्षा वन और ट्रॉपिकल क्षेत्र में होने वाली इस स्टार फ्रूट की जानकारी आम आदमी को कम है.
हड्डी रोग में कारगर
इतना ही नहीं पोषक तत्व की बात करें तो इस फल में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, विटामिन के अलग अलग वैरिएंट और खनिज तत्व हैं जो सामान्य के साथ हड्डी और पोषक तत्वों की कमी वाले लोगों के लिए बेहद लाभदायक है. इस पौधे को लगाना और इसका परिणाम बेहद बेहतर है. बिहार यूपी और नॉर्थ ईस्ट के जगह में आसानी से लग जाती है और वर्ष में दो बार फल आते हैं. इसके फल में 80% पानी है और इसे सीधा खाया जा सकता है.
इसको खरीद कर लगाया जा सकता है. जो तीन वर्ष में पौधा तैयार हो जाता है और फल देना शुरू कर देता है. इसमें हरे रंग का फल आता है जो नारंगी पीला होकर पक जाता है.
एक साल में दो बार आते हैं फल
जिसको सीधे खाया जा सकता है. यह बेहद ही पौष्टिक गुण से भरपूर है और इसके पौधे को सामान्य रूप में लगाकर जैविक खाद से देख रेख किया जा सकता है. बेहद कम खर्च में इसको तैयार किया जा सकता है. वर्ष में जुलाई-अगस्त और दिसंबर-जनवरी में दो बार फल आते हैं. एक बार में करीब 10 KG इसकी क्षमता है और नेस्ट सीजन में 10 KG फल आते हैं. यानी कि एक वर्ष में 20 KG फल का उत्पादन होता है