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डॉ. सुजाता दास की कृति” ब्रिटिश युगीन बस्तर 1854-1947″ को मिला अखिल भारतीय साहित्य सम्मान

भिलाई/साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही महाराष्ट्र की साहित्यिक संस्थान विदर्भ हिन्दी साहित्य अर्थन मंच, नागपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में देश भर से प्राप्त कृत्तियों का 03 सदस्यीय श्रेष्ठ निर्णायक मंडल द्वारा 06 माह तक गहन अध्ययन अवलोकन किया गया। कड़ी प्रतिस्पर्धा उपरांत घोषित परिणाम में डॉ० सुजाता दास की कृति “ब्रिटिश युगीन बस्तर 1854-1947 को इतिहास आधारित उत्कृष्ट शोध परख कृति के रूप में प्रतिष्ठित श्री आनंदराव लडके स्मृति सम्मान 2024 के लिये चयन किया गया जिसकी घोषणा 10 जून 2024 को की गई थी। इस प्रतियोगिता में देश के अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग विधाओं में देश के 28 साहित्यकारों की कृतियों का चयन किया गया।

28 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के संतरा नगरी कहे जाने वाले नागपुर शहर में अखिल भारतीय स्तरीय आयोजन में कुलपति श्रीकृष्ण स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, डॉ० वेदप्रकाश मिश्रा, सेवानिवृत्त पुलिस कमिश्नर नागपुर शहर श्री भूषण कुमार उपाध्याय, आयुर्वेदाचार्य व अध्यक्ष साहित्य अर्चन मंच डॉ० गोविंद प्रसाद उपाध्याय तथा शहर के जाने-माने साहित्यकारों व साहित्य प्रेमियों की उपस्थिति में देश के 28 साहित्यकारों का मोर हिन्दी भवन के उत्कर्ष सभागृह में साहित्य अर्चन मंच द्वारा आत्मीय सम्मान किया गया जिसमें पुलिस विभाग में पदस्थ पुलिस अधिकारी डॉ० सुजाता दास, जिला दुर्ग की उनकी कृति “ब्रिटिश युगीन बस्तर 1854-1947 के लिये नकद, शॉल, स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र, पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।

उल्लेखनीय है कि डॉ० सुजाता दास की अब तक 03 कृतियों प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से 02 इतिहास आधारित हैं व एक बाल कविता संग्रह है। डॉ० सुजाता दास को उनके साहित्यिक व सामाजिक योगदान के लिये अब तक कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

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