धर्म

90 साल बाद रक्षाबंधन पर बन रहे 4 अद्भुत संयोग, इस समय बांधे राखी अटूट होगी भाई-बहन के रिश्ते की डोर

वाराणसी : रक्षासूत्र की डोर भाई बहन के रिश्ते को अटूट बना सकती है. इस बार रक्षाबंधन के दिन ग्रहों का ऐसा अद्भुत संयोग बन रहा है. काशी के ज्योतिषियों का दावा है कि करीब 90 साल बाद रक्षाबंधन के दिन 4 शुभ महासंयोग बन रहे हैं. ग्रह-नक्षत्रो का यह अद्भुत संयोग भाई बहन के रिश्ते को और मजबूत करेगा.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन के दिन चार अद्भुत संयोग बन रहे है. वैदिक पंचांग के अनुसार 19 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा और रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है. इसके अलावा इस दिन सावन का अंतिम सोमवार भी है .ऐसे में यह दिन बेहद शुभ साबित होगा.रात 8 बजकर 40 मिनट तक रहेगा ये दो योग
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि 19 अगस्त को सुबह से लेकर रात 8 बजकर 40 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रवियोग है. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए सभी कार्यों में सिद्धियां प्राप्त होती है. ऐसे में इस समय में रक्षासूत्र बांधा जाए तो भाइयों पर आने वाली सभी बालाएं दूर होंगी और उन्हें आरोग्य होने का का वरदान भी मिलेगा.इस समय तक रहेगा पाताल लोक का भद्रा
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार,18 अगस्त को रात 2 बजकर 21 मिनट से भद्रा कि शुरूआत हो रही है जो अगले दिन 19 अगस्त को 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. यह भद्रा पाताल लोक का भद्रा होगा. भद्रा काल में रक्षा सूत्र बांधने शुभ नहीं माना जाता है. ऐसे में 19 अगस्त को दोपहर में 1 बजकर 24 मिनट के बाद रक्षासूत्र बांधा जाएगा

राखी बांधने का शुभ समय
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि 19 अगस्त सोमवार को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 25 मिनट तक रक्षासूत्र बांधने का शुभ समय है. इस समय में रक्षासूत्र बांधने से भाइयों को दीर्घायु के आशीर्वाद के साथ ऐश्वर्य और सौभाग्य का वरदान भी मिलेगा.

 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का  जगन्नाथ डॉट कॉम व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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