बिलासपुर। वन अधिकार पत्र के तहत वनवासियों को मिले वनभूमि का भी नामांतरण एवं बंटवारा राजस्व भूमि की तरह हो सकेगा। इन इलाकों में वन विभाग के रेंजर तहसीलदार की भूमिका निभाएंगे। राज्य सरकार ने रेंजरों को तहसीलदार के अधिकार से लैस कर दिया है।राज्य सरकार ने वनवासियों के हितों को सामने रखकर कुछ इस तरह का निर्णय लिया है। वन अधिकार पट्टाधारी वनवासी अगर पट्टे की जमीन को अपने बेटों के बीच बंटवारा करना चाहें तो पुस्तैनी जमीन की तरह बंटवारा कर सकेंगे। यही नहीं परिवार के अन्य सदस्यों के नाम नामांतरण भी करा सकेंगे। इसके लिए तहसील कार्यालय जाने की जरुरत नहीं है। वन विभाग के रेंजर तहसीलदारकी भूमिका निभाएंगे। रेंज आफिस में नामांतरण व बंटवारा का काम होगा।
राज्य शासन से मिले निर्देश की जानकारी देते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने जिले में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत वन भूमि का जिन वनवासियों व आदिवासियों को पट्टा दिया गया है,उनकी जानकारी मांगी। वन अधिकार पट्टावाले वनवासी अब पट्टे की जमीन का नामांतरण व बंटवारा कर सकेंगे। वनवासियों और आदिवासियों के बीच राज्य शासन की इस योजना को लेकर जाने और अधिकार की जानकारी देने का निर्देश वन व राज्स विभाग के अफसरों को दिया है।
बैठक में खेती किसानी का हाल भी जाना। संयुक्त संचालक कृषि पीडी हथेश्वर ने बताया कि 90 प्रतिशत बोआई एवं 50 प्रतिशत रोपाई का काम पूर्ण हो चुका है। खाद-बीज और कृषि दवाई की कोई कमी नहीं है। कलेक्टर ने अनिश्चितता को देखते हुए किसानों को फसल बीमा करा लेने की अपील की है। कलेक्टर ने बैठक में मौसमी बीमारियों के ताजा हालात की समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जागरूकता चौपाल लगातार जारी रखने के निर्देश दिए। सर्विलेंस भी जारी रहेगा। मच्छर के काटने के 10 से 14 दिन बाद इसके लक्षण प्रकट होते हैं।
पहले कराएं इलाज, फिर भेजें घर
कलेक्टर ने कहा कि स्कूल आंगनबाड़ी में यदि किसी बच्चें को बुखार अथवा कोई बीमारी की जानकारी मिलती है। तो उनके पालकों को बुलाकर पहले उनका इलाज कराएं, उसके बाद घर भेंजे। उन्हें बिना इलाज कराए घर नहीं भेजना है। कलेक्टर की अपील पर बिलासपुर के डॉ. सिहारे ने मलेरिया एवं डायरिया पीड़ित बच्चों के मुफ्त इलाज की पेशकश की है। कलेक्टर ने उन्हें धन्यवाद दिया।