छत्तीसगढ़

नक्सल प्रभावित वनांचल में कबीरधाम पुलिस के अस्थायी स्कूल में मनाया जाएगा हर्ष्षोल्लास से स्वतंत्रता दिवस

नक्सल प्रभावित वनांचल में कबीरधाम पुलिस के अस्थायी स्कूल में मनाया जाएगा हर्ष्षोल्लास से स्वतंत्रता दिवस

पुलिस अधीक्षक ने विद्यार्थियों के लिए मिष्ठान एवं अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की गई

पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह (आईपीएस) के मार्गदर्शन में कबीरधाम पुलिस द्वारा संचालित अस्थायी स्कूल में इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास और देशभक्ति के उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। आज पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह के निर्देश पर अस्थायी स्कूल के सभी शिक्षकों को पुलिस कार्यालय बुलाया गया। इस दौरान विद्यार्थियों के लिए मिष्ठान एवं अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की गई, ताकि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठें। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पुष्पेन्द्र बघेल, एसडीओपी कवर्धा श्री कृष्णा चंद्राकर सहित सभी शिक्षक उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि नक्सल प्रभावित वनांचल क्षेत्र में शिक्षा की कमी को देखते हुए कबीरधाम पुलिस ने पहल करते हुए अस्थायी स्कूल शुरू किए हैं। इन स्कूलों में क्षेत्र के पढ़े-लिखे युवाओं को शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है, जिससे स्थानीय बच्चों को अपनी ही भाषा और संस्कृति के अनुरूप शिक्षा मिल रही है। इन विद्यालयों के संचालन का सम्पूर्ण खर्च पुलिस विभाग वहन करता है। इसके साथ ही, पुलिस द्वारा ओपन कोचिंग सेंटर भी स्थापित किया गया है, जहाँ पढ़ाई बीच में छोड़ चुके युवाओं को फिर से शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जाता है। उन्हें ओपन परीक्षा में फार्म भरवाकर नियमित रूप से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह का मानना है कि शिक्षा ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विकास और जागरूकता लाने का सबसे प्रभावी माध्यम है। इसी सोच के तहत यह पहल की गई है, जो न केवल बच्चों के जीवन में उजाला ला रही है बल्कि पूरे क्षेत्र को एक नई दिशा दे रही है। इस स्वतंत्रता दिवस पर जब तिरंगा लहराएगा, तब इन अस्थायी स्कूलों के विद्यार्थी भी देशभक्ति के गीतों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह दृश्य न केवल प्रेरणादायक होगा, बल्कि इस बात का प्रमाण भी कि शिक्षा और संस्कार से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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