टमाटर के दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं. तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में टमाटर की कीमतें 90 रुपए से 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं. मुंबई में टमाटर के दाम 80 रुपए प्रति किलो से 100 रुपए प्रति किलो के बीच हैंमानसून के महीनों में बढ़ जाती है महंगाई
मानसून (Monsoon) के महीनों में आमतौर पर सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी होती है. हालांकि कीमत में इस बढ़ोतरी का एक कारण मानसून है, लेकिन ज्यादातर गर्मी ही है जिसकी वजह से कीमतों में बढ़ोतरी होती है. हर साल मानसून के महीनों के दौरान सब्जियों की कीमतें बढ़ जाती हैं क्योंकि बारिश का असर फसलों पर पड़ता है. बारिश हार्वेस्टिंग और पैकेजिंग सहित फसलों की कटाई को प्रभावित करती है. ट्रांसपोर्टेशन के दौरान बारिश के पानी के संपर्क में आने से सब्जियों की बर्बादी भी बढ़ जाती है.अत्यधिक गर्मी का फसलों पर असर
हालांकि, इस साल गर्मियों के दौरान अत्यधिक गर्मी कीमतों में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण है. पिछले साल की मूल्य वृद्धि को ध्यान में रखते हुए, किसानों, विशेषकर महाराष्ट्र के किसानों ने, फसलों को कई गुना बढ़ा दिया था. महाराष्ट्र के जुन्नार के टमाटर किसान ईश्वर गायकर ने सीएनबीसी-टीवी 18 को बताया कि इस साल हमारे क्षेत्र के किसानों ने अपने टमाटर के बागान को चार गुना बढ़ा दिया. पिछले साल की ऊंची कीमतों ने हमें ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित किया. लेकिन इस दौरान अत्यधिक गर्मी हुई. गर्मी ने हमारी फसल को प्रभावित किया. उच्च तापमान ने हमारे औसत उत्पादन को कम कर दिया.
टमाटर का प्रोडक्शन हुआ बहुत कम
महाराष्ट्र के जुन्नार में गर्मियों में फसल (मार्च-अप्रैल में बोई जाती है और जून में काटी जाती है) का सामान्य टमाटर प्रोडक्शन 2,000 कार्टन प्रति एकड़ है. एक कार्टन में 20 किलो टमाटर होते हैं. लेकिन इस बार अत्यधिक गर्मी के कारण अंतिम प्रोडक्शन में कमी आ गई. इस साल प्रति एकड़ टमाटर का उत्पादन घटकर मुश्किल से 500-600 कार्टन रह गया है. महाराष्ट्र के बाकी टमाटर उत्पादक क्षेत्रों में भी स्थिति ऐसी ही है.
इसका असर सप्लाई चेन पर पड़ा है और सप्लाई की इस कमी के कारण कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. मुंबई और मुंबई महानगर क्षेत्र में रिटेल कीमतें 90 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं. ऑनलाइन पोर्टल भी 90-95 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत पर टमाटर बेच रहे हैं.