- पुराने शहर से होगी इसकी शुरुआत
5 जुलाई से शहर में घर-घर में स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत होगी। बिजली चोरी रोकने के लिहाज से पुराने शहर के संवेदनशील इलाकों से ये काम शुरू होगा। इसके लिए सर्वे हो चुका है। पहले चरण में करीब 2.66 लाख मीटर लगेंगे। ये अलग-अलग चरणों में लगाए जाएंगे। सबसे पहले रहवासी इलाकों में मीटर लगाने का काम होगा। इसके लिए कंपनी द्वारा चारों डिवीजन के फीडर चिह्नित कर लिए गए हैं।
पुराने शहर से शुरू होने वाला बिजली का यह दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके पहले पिछले साल सितंबर में अंडरग्राउंड केबल बिछाने की शुरुआत भानपुर से की गई थी। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि केंद्र सरकार की रिवेंप्ड रिफॉर्म्स डिस्ट्रीब्यूशन स्कीम के तहत भोपाल में 255 करोड़ रुपए में यह काम होगा। सिटी सर्कल के वेस्ट डिवीजन में बिजली चोरी सबसे कम लगभग 15% के आसपास है। इसलिए यहां दूसरे चरण में काम होगा।
यह सब कुछ होगा इन स्मार्ट मीटर में
- डिस्प्ले यूनिट… इसमें कंज्यूमर ने लास्ट रिचार्ज कब किया है, इसकी डेट, टाइम, अमाउंट मालूम होगा। करंट बैलेंस कितना है। यह भी दिख जाएगा।
- मीटर में गोले सामान एक ऑप्टिकल पोर्ट होगा। मीटर के अंदर एमआरआई जैसा स्कैन हो सकेगा। लेकिन इसका उपयोग उपभोक्ता नहीं कर सकेंगे।
- एक की यानी चाबी होगी। इससे रिचार्ज कराया जाएगा। इसके बाद ए, बी, सी, कोड जनरेट होंगे। बीस अंकों का यह कोड कंज्यूमर को एंटर करना होगा, जिससे मीटर चालू हो जाएगा।
- इसमें ब्लू टूथ भी रहेगा। मोबाइल से जोड़कर यूपीआई के जरिए रिचार्ज किया जा सकेगा।
- एक मीटर टर्नेल होगी। इसमें खंभे से आनी वाली सर्विस केबल जोड़ी जाएगी।
स्मार्ट मीटर लगाने की ये तीन खास वजह
- बिजली उपभोक्ताओं तक पहुंचती है, तब ट्रांसमिशन लॉस होता है। अभी भी लगभग 3% हानि होती है।
- पुराने शहर के कई इलाकों में हर महीने 1.30 करोड़ रुपए की बिजली चोरी हो रही है। स्मार्ट मीटर से ये रुकेगी।
- 1.70 लाख उपभोक्ताओं ने औसतन 7 महीने से पेमेंट नहीं किया। स्मार्ट मीटर लगने से बकाया होगा ही नहीं।