छत्तीसगढ़

कबीरधाम में खुले पशुओं पर सख्ती, पंजीयन व ईयर टैग अनिवार्य

 

कबीरधाम में खुले पशुओं पर सख्ती, पंजीयन व ईयर टैग अनिवार्य

कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जारी किया आदेश

प्रमुख आदेश व निर्देश

• सभी पशुपालकों के लिए पंचायत स्तर पर पशु पंजीयन अनिवार्य

• जन्म, मृत्यु, खरीदी-बिक्री की सूचना 15 दिनों में पंचायत को देना आवश्यक

• प्रत्येक पशु पर ईयर टैग लगाना अनिवार्य, गुम होने पर 7 दिनों में नया टैग लगवाना होगा

• चरवाहे के बिना पशुओं को खुले में छोड़ना पूर्णतः प्रतिबंधित

• पशु बाजारों में केवल पंजीकृत व ईयर टैग लगे पशुओं की ही खरीदी-बिक्री होगी

• बाजारों में खरीदी-बिक्री का पूरा ब्यौरा पंचायत और पशु चिकित्सा विभाग को देना अनिवार्य

• नियमों की अवहेलना पर भारतीय न्याय संहिता 2023, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 व अन्य अधिनियमों के तहत कठोर कार्यवाही

• आदेश का तत्काल प्रभाव से पालन आवश्यक, उल्लंघन पर दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित

कवर्धा, सितम्बर 2025। कबीरधाम जिले में सड़कों पर खुले में घूम रहे आवारा पशुओं से हो रही दुर्घटनाओं और जन-धन हानि को देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में दर्ज प्रकरण के निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री गोपाल वर्मा ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि अब जिले के सभी पशुपालकों को अपने गौवंशीय पशुओं का पंचायत स्तर पर पंजीयन कराना अनिवार्य होगा। साथ ही पशुओं के जन्म, मृत्यु, खरीदी-बिक्री जैसी सूचनाएं 15 दिनों के भीतर संबंधित ग्राम पंचायत को देना अनिवार्य होगा।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जिले के प्रत्येक पशु पर ईयर टैग लगाना आवश्यक होगा। टैग गुम हो जाने, टूटने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में 7 दिनों के भीतर नवीन टैग लगवाना होगा, अन्यथा पशुपालकों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त चरवाहे के बिना पशुओं को चारागाह के लिए छोड़ना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
जिले के सभी पशु बाजारों में भी ईयर टैग को अनिवार्य किया गया है। बिना पंजीयन एवं ईयर टैग वाले पशुओं की खरीदी-बिक्री अब संभव नहीं होगी। बाजारों में होने वाली पशुओं की लेन-देन की पूरी जानकारी पंचायत और पशु चिकित्सा विभाग को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
कलेक्टर श्री वर्मा ने आदेश में कहा है कि आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित पशुपालकों के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 201, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 (1), पशु अतिचार अधिनियम 1871 तथा अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कठोर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से पूरे कबीरधाम जिले में लागू हो गया है।
समाचार क्रमांक-990-गुलाब डड़सेना फ़ोटो 1,2,

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button