डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका और रूस के रिश्तों में मिठास घुलती नजर आ रही है. पिछले दो महीने में इसके कई उदाहरण देखे जा चुके हैं. पहले यूक्रेन के मामले में अमेरिका का रुख रूस के पक्ष में नजर आया और अब ग्रीनलैंड के मामले में रूस ने अमेरिकी योजनाओं को हरी झंडी दे दी
दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ओर से एक बयान आया है, जिससे साफ हुआ है कि उन्हें ग्रीनलैंड पर अमेरिकी कब्जे की योजना से कोई ऐतराज नहीं है. हाल ही में ट्रंप ने इस आर्कटिक इलाके को अमेरिका का हिस्सा बताया था. फिलहाल यह हिस्सा डेनमार्क के अंतर्गत आता है. यह एक स्वायत्त क्षेत्र है, जहां प्रधानमंत्री से लेकर पूरी प्रशासन प्रणाली डेनमार्क से अलग है.
पुतिन ने क्या कह दिया?
पुतिन ने रूस के मरमंस्क शहर के अपने दौरे पर कहा, ‘ग्रीनलैंड के संबंध में अमेरिका की योजनाएं गंभीर हैं. इन योजनाओं की गहरी ऐतिहासिक जड़ें हैं. यह स्पष्ट है कि अमेरिका आर्कटिक क्षेत्र में अपने भू-रणनीतिक, सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक हितों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाता रहेगा.’ लेकिन ट्रंप के विस्तारवादी एजेंडे की आलोचना या निंदा करने के बजाय पुतिन ने ग्रीनलैंड को उसके भाग्य पर छोड़ दिया. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘जहां तक ग्रीनलैंड का सवाल है, यह दो देशों (अमेरिका और डेनमार्क) का मामला है. इसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है.’
अमेरिका का यूक्रेन युद्ध से हाथ खींचना
फरवरी में ही पूरी दुनिया ने व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच बहस देखी. यह बहस हद पार कर गई थी. नतीजा यह हुआ कि इसके ठीक बाद अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली सारी मदद रोकने का ऐलान कर दिया. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा रूस को हुआ. हालांकि इसके ठीक पहले संयुक्त राष्ट्र संघ में भी यूक्रेन युद्ध के लिए रूस के खिलाफ पारित प्रस्ताव पर अमेरिकी रुख ने चौंका दिया था. तभी से लग रहा था कि अमेरिका अब इस युद्ध में यूक्रेन का और अधिक साथ नहीं देगा.रूस की स्थिति को अमेरिका समझ रहा, यह अच्छी बात’
फिलहाल, अमेरिका और रूस दोनों देशों के संबंध पटरी पर आते दिखाई दिए हैं. विदेशी निवेश और आर्थिक सहयोग के लिए राष्ट्रपति पुतिन के विशेष दूत किरिल दिमित्रिव का बयान भी इस दिशा में महत्वपूर्ण संकेत देता है. दिमित्रिव ने कहा है कि हम अमेरिका के साथ संयुक्त रूप से किए जा सकने वाले विभिन्न निवेश अवसरों पर विचार करने के लिए तैयार हैं. हम आर्कटिक में निवेश सहयोग के लिए तैयार हैं. इस तरह के सौदे किए जाने से पहले यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने की आवश्यकता है. हमारे (रूस और अमेरिका) बीच अब बहुत अच्छी बातचीत हो रही है और मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि अमेरिका रूस की स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा है.’