श्रीनगर गढ़वाल. किसान अब पारंपरिक खेती छोड़ कर फलों की बागवानी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों के किसान खुमानी (apricot) की बागवानी से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. यहां पहले से ही किसान बड़े पैमाने पर खुमानी की बागवानी करते आए हैं. क्योंकि खुमानी की बागवानी के लिए ठंडे तापमान की आवश्यकता होती है. खुमानी ठंडी जलवायु में उगने वाले फलों में से एक है. अगर आप भी पर्वतीय क्षेत्र के किसान हैं और खुमानी की बागवानी करना चाहते हैं, तो जनवरी मध्य तक इसकी पौध लगाने का उपयुक्त समय होता है. इस समय किसान अपने बाग में खुमानी की पौध लगा सकते हैं.
उद्यान विभाग श्रीनगर के अपर प्रशिक्षण अधिकारी पुरुषोत्तम बडोनी ने लोकल 18 को बताया कि सबसे पहले खुमानी की पौध लगाने के लिए जगह का चयन करना होता है. उसके बाद 15 से 18 की दूरी पर पौध लगाने के गड्ढे बनाने होते हैं, क्योंकि खुमानी में पौध से पौध की दूरी लगभग 15 से 18 फीट होनी चाहिये.
ऐसे करें मिट्टी की तैयारी
पुरुषोत्तम बडोनी बताते हैं कि गड्ढा तकरीबन 1 मीटर तक गहरा होना चाहिये. गड्ढे में पौध लगाते वक्त ऊपर की मिट्टी को नीचे डालना होता है और नीचे की मिट्टी को ऊपर डालना होता है. मिट्टी के साथ ही 10 किलो गोबर की खाद, 50 ग्राम डीएपी, 100 ग्राम नाइट्रोजन एनपीके और पानी की कमी को पूरा करने के लिए एग्रीसर तत्व को 100 ग्राम मिलाना होता है. उसके बाद किसी भी नर्सरी से अच्छी प्रजाति की पौध लेनी होती है और लगाना होता है.
15 सालों तक होगी कमाई
पौध लगाते वक्त कलम वाले हिस्से को मिट्टी से ऊपर रखना होता है और उससे अच्छे से लगाना होता है. पौध लगाने के बाद उसमें सिंचाई करनी होती है. खरपतवार जल्दी से न उगे उसके लिए सूखी घास की मल्चिंग करनी होती हैं. खुमानी का पेड़ अच्छी देखभाल करने पर लगभग 3 साल में फल देना शुरू कर देता है और लगभग 15 सालों तक फल देता है. बाजार में एक किलो खुमानी की कीमत तकरीबन 250 रुपये किलो तक होती है. अगर पर्वतीय क्षेत्र के किसान खुमानी की बागवानी करें, तो इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.