राजकोट. ऐसे नजारे आमतौर बॉलीवुड की फिल्मों में देखने को मिलते हैं, गुजरात में दो पुलिसकर्मी अपने कैदी दोस्तों के लिए दोस्ती निभाने के लिए मुश्किल में पड़ गए हैं. गुजरात के अमरेली जिले में कुख्यात शराब तस्कर धीरज करिया को गांधीनगर की एक लोकल कोर्ट में ले जाने वाले दो पुलिसकर्मियों ने उसे वापस जेल ले जाने के बजाय जूनागढ़ में उसके घर पर छोड़ दिया था. एक अन्य मामले में, एक पुलिसकर्मी द्वारा अदालत में ले जाया गया एक विचाराधीन कैदी पूरी तरह से नशे में धुत होकर जेल लौटा.
अमरेली में पुलिस अधिकारियों को करिया को गांधीनगर ले जाने वाले कांस्टेबलों द्वारा दिखाई गई उदारता के बारे में तब पता चला जब एक रेस्तरां मालिक ने 24 जुलाई की रात को उसके होटल में हंगामा करने वाले दो अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. दोनों कांस्टेबलों ने खाना ऑर्डर किया था और उनमें से एक ने शराब भी पी थी. पुलिस की शिकायत में कहा गया है कि उसने वेटर से झगड़ा किया, जिसने उसे शराब न पीने के लिए कहा और उसे धमकाया. शिकायत की जांच करते समय, पुलिस ने रेस्टोरेंट मालिक द्वारा उपलब्ध कराए गए सीसीटीवी फुटेज को स्कैन किया और पाया कि दोनों आरोपी कांस्टेबल रंजीत वाघेला और नितिन बंभानिया थे.
शराब पीने वाला पुलिसकर्मी अरेस्ट
जूनागढ़ के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ‘उस दिन दोनों के जूनागढ़ में होने की उम्मीद नहीं थी. वे एक कुख्यात शराब तस्कर को कोर्ट की सुनवाई के लिए गांधीनगर ले गए थे. लौटते समय, उन्हें आरोपी को वापस जेल ले जाने के लिए अमरेली जाना था, लेकिन इसके बजाय वे जूनागढ़ चले गए, जहां शराब तस्कर का परिवार रहता था. एस्कॉर्ट करने वाले पुलिसकर्मियों ने आरोपी को उसके परिवार से मिलने का समय दिया जबकि वे खाने-पीने चले गए.’ जूनागढ़ पुलिस ने रंजीत वाघेला और कथित तौर पर उन्हें शराब उपलब्ध कराने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया.कोर्ट में पेशी के वक्त कैदी ने पी जमकर शराब
एक अन्य मामले में एक विचाराधीन कैदी आवेश औडिया को 25 जुलाई को राजकोट सेंट्रल जेल से राजकोट में सुनवाई के लिए ले जाया गया था. कांस्टेबल परेश वाघेला औडिया को एस्कॉर्ट कर रहे थे. उन्होंने शाम 5.45 बजे उसे जेल में छोड़ा, तब जेल कर्मचारियों ने पाया कि वह मुश्किल से चल पा रहा था और उसके मुंह से शराब की बदबू आ रही थी. मेडिकल अफसर ने पुष्टि की कि पुलिस के साथ रहने के दौरान ऑडिया ने शराब पी रखी थी. जिसके बाद जेलर वीके पारधी ने ऑडिया और वाघेला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.