फल सेहत के लिए बहुत लाभदायक हैं, लेकिन वही फल जब केमिकल से पकाए गए हों तो व्यक्ति की सेहत खराब हो सकती है। कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बना रह सकता है। इन दिनों अन्य फलों के साथ-साथ आम लोगों को खूब पसंद आ रहा है। लोग हर रोज आम बड़े ही चाव से खा रहे हैं। लेकिन जो आम लोग खा रहे हैं वह पेड़े के पके नहीं है बल्कि केमिकल से पकाए गए हैं। जो सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। बॉयोटेक लैब के वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत शर्मा का कहना है कि किसी भी तरह का केमिकल अगर खाते हैं तो वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होगा। ऐसे में कोई भी फल उपयोग करने से पहले कुछ सावधानी बरतें, जिसे हम आपको आगे खबर में बताएंगे।
इस तरह पकाते हैं फलों को
वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत शर्मा ने बताया कि कार्बाइड असल में रस्नियेक पदार्थ है। यह फलों में मौजूदी नमी और पानी से क्रिया करके इथाइल गैस बनाता है। इससे विशेष तरह की गर्मी पैदा होती है और फल वक्त से पहले पक जाते हैं। फिर फल खाते समय केमिकल शरीर के अंदर चला जाता है। जो कई बीमारियों को जन्म देता है।
सेब में वैक्स का किया जाता है उपयोग
अक्सर फल दुकानों में सेब चिकना व चमकीला दिखाता है इसका यह मतलब नहीं की वह ताजा है। उसे चिकना व ताजा दिखने के लिए वैक्स लगाया जाता है। इसे पता करने के लिए अक्सर सेब को चाकू या ब्लेड से उसके छिलके के ऊपरी हिससे को खरोंचने पर एक तरह का पदार्थ निकलता है जो वैक्स होता है। इससे सेब कई दिनों तक खराब नहीं होता है।
फल खाने से पहले यह जरूर करें
फलों को खाने से पहले उसे कम से कम तीन घंटे पानी में डुबाकर रखें। इससे केमिकल का असर कम हो जाएगा। छिलके वाले फलों का छिलका उतार कर खाएं।
विभाग नहीं करता कार्रवाई
केमिकल युक्त फलों पर खाद्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता है। इससे धड़ल्ले से बाजार में केमिकल से पकाए गए फल को बेचे जाते हैं। केमिकल से पके फलों को जांचने की भी कई व्यवस्था नहीं है और न ही लोग इसकी पुष्टि कर पाते हैं कि यह फल केमिकल से पकाए गए हैं। विभाग की उदासीनता के कारण लोग केमिकल से पके फलों को खा रहे हैं।
केमिकल है स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह
फलों को पकाने के लिए कई तरह के केमिकल का उपयोग किया जा रहा है। फल सेवन करने के दौरान केमिकल भी लोग खा रहे हैं। इससे स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है। किसी भी तरह का केमिकल स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह है।
डॉ. प्रशांत शर्मा, वैज्ञानिक, बायोटैक लैब