शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए तंत्रिका तंत्र (Nervous System) बहुत ज़रूरी है। तंत्रिका तंत्र शरीर के लगभग सभी कार्यों जैसे सांस लेना, हिलना-डुलना और याददाश्त के लिए ज़िम्मेदार होता है। इसके अलावा यह शरीर के विभिन्न भागों के बीच संकेतों और सूचनाओं के आदान-प्रदान का भी कार्य करता है। लंबे समय तक तनाव और नींद की कमी तंत्रिका तंत्र को खराब कर सकती हैं। खराब या असंतुलित तंत्रिका तंत्र के कई मानसिक और शारीरिक लक्षण होते हैं।
असंतुलित तंत्रिका तंत्र के लक्षण – Symptoms of an unbalanced nervous system
1. एकाग्रता की कमी
तांत्रिक तंत्र असन्तुलि होने की स्थित में आपका दिमाग हमेशा थका हुआ महसूस करता है और आपको उन चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या होती है, जिसमे पहले आपकी रुचि थी। जिसके चलते आपके लिए निर्णय लेना या स्पष्ट रूप से सोचना मुश्किल हो जाता है।
नींद की कमी
एक स्वस्थ शरीर के लिए कम से कम 7 से 9 घंटे नींद जरूरी होती है। यदि आप पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं, तो यह आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। नींद की यह कमी आपकी थकान को बढ़ाती है।
3. मांसपेशियों में तनाव और कमजोरी
आपको लगता है कि आपकी मांसपेशियाँ थकी हुई हैं और आपके शारीरिक मूवमेंट करने में परेशानी हो रही है या हाथों की उंगलियों और पैरों में सुन्नता महसूस होती है, तो समझ जाइए कि आपकी तंत्रिका तंत्र में कुछ समस्या है।
चिड़चिड़ापन
आप अक्सर चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं। अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में परेशानी होती हैं। बिना किसी कारण के उदास और चिंतित रहते हैं। हमेशा बेचैनी बनी रहती है। जिसके चलते आपको लगातार कुछ न कुछ करने की ज़रूरत महसूस होती है। आपको स्थिर नहीं बैठ पाते।
5. ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
तंत्रिका तंत्र के असंतुलित होने पर व्यक्ति को अक्सर दोहरी दृष्टि का अनुभव होता है। दृष्टि धुंधली हो जाती है। किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है।
पाचन संबंधी समस्याएं
तंत्रिका तंत्र असंतुलित होने पर कब्ज और दस्त जैसी पाचन समस्याएं हो सकती हैं। आपको पेट फूलने का भी अनुभव हो सकता है। स्वस्थ तंत्रिका तंत्र पाचन और मल त्याग को विनियमित करता है। तंत्रिका तंत्र के अव्यवस्थित होने पर व्यक्ति को पेट की समस्याएं होती हैं।
असंतुलित तंत्रिका तंत्र के उपचार के तरीके
असंतुलित तंत्रिका तंत्र के उपचार के कई तरीके हैं। जैसे नियमित ध्यान, उचित नींद लेना और व्यायाम करना। योग और मालिश करवाने से भी लोगों को अपने शरीर के साथ तालमेल महसूस करने में मदद मिलती है। हालाँकि, अगर आप लंबे समय तक सुन्नपन और दोहरी दृष्टि जैसे गंभीर शारीरिक लक्षणों से पीड़ित हैं, तो अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं बिना देरी किये।