नई दिल्ली। ज्येष्ठ माह में आने वाली अमावस्या का बड़ा महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, जबकि यह दिन धार्मिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है। इसके अलावा इस दिन पितरों का तर्पण करने के लिए बहुत शुभ होता है।वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस तिथि को लेकर काफी नियम बताए गए हैं, जिनका पालन हर किसी को करना चाहिए। बता दें, इस बार अमावस्या (Jyeshtha Amavasya 2024) 6 जून, 2024 को मनाई जाएगी।
अमावस्या पर इन बातों का रखें ध्यान
अमावस्या पर गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस तिथि पर तिल का दान अवश्य करना चाहिए। इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर झूठ, ईर्ष्या और लालच करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह पूजा-पाठ, अनुष्ठान, जप और तप का दिन है। इस तिथि पर भोजन, कपड़े, तिल, गुड़, घी, आदि चीजों का दान करना चाहिए। इस दिन विद्वान ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन खिलाना चाहिए। इस दिन तुलसी पत्र, पीपल और बेलपत्र तोड़ने से बचना चाहिए। इस दिन किसी भी प्रकार का शुभ व नया कार्य नहीं करना चाहिए। इस दिन ज्यादा से ज्यादा तीर्थ स्थलों पर जाना चाहिए। इस दिन सात्विकता का पालन करना चाहिए।
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि और समय
वैदिक पंचांग के अनुसार, जेष्ठ अमावस्या की शुरुआत 5 जून, 2024 रात्रि 07 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, इसकी समाप्ति 6 जून, 2024 शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगी। पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून, 2024 को मनाई जाएगी।
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