झारखंड): कुछ दिनों में जेठ महीने की शुरुआत हो जाएगी. मान्यता है कि जेठ का महीना शनि को खुश करने के लिए सबसे शुभ है. शनि न्याय के देवता हैं, जितनी इनकी दृष्टि खतरनाक है, उससे कहीं ज्यादा कठिनाई साढ़ेसाती और ढैय्या के दिनों में जातक को झेलनी पड़ती है. वर्तमान में तीन राशियों पर साढ़ेसाती तो दो राशियों पर ढैय्या का प्रभाव है. ये पांच राशि वाले अगर जेठ अमावस्या पर पड़ने वाली शनि जयंती के दिन कुछ उपाय करें तो शनि का प्रभाव कम हो सकता है और बिगड़े काम बन सकते हैं.
देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित सह ज्योतिषाचार्य प्रमोद श्रृंगारी ने जगन्नाथ डॉट कॉम
को बताया कि जेठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है. इस साल 6 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी, उसी दिन जेठ अमावस्या भी है. शनि देवता को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती का दिन सबसे शुभ माना जाता है. वर्तमान में 5 ऐसी राशियां हैं, जिन पर शनि की टेढ़ी नजर है. उन राशि वालों का समय अभी खराब है. शनि जयंती के दिन कुछ उपाय करने से बुरा समय अच्छे से टल सकता है. बंद या रुके काम बढ़ सकते हैं.
इन राशियों पर शनि की टेढ़ी नजर
12 राशियों में 5 राशि ऐसी हैं, जिनके ऊपर शनि की टेढ़ी नजर है. इन राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव है, जिससे इन्हें जीवन में खासा संघर्ष देखना पड़ रहा है. वर्तमान में शनि कुंभ राशि में विराजमान हैं. ऐसे में मकर, कुंभ और मीन पर साढ़ेसाती का प्रभाव बना हुआ है. वहीं कर्क और वृषभ राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है.
साढ़ेसाती और ढैय्या से बचाव के उपाय
– शनि जयंती के दिन पीपल पेड़ में पानी अवश्य देना चाहिए. इससे पितृ भी प्रसन्न होते हैं और शनि की को कुदृष्टि से राहत मिलती है.
– शनि जयंती के दिन बजरंगबली की पूजा करें. बजरंगबली की पूजा करने के बाद सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए. इससे शनि कि साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है.
– शनि जयंती के दिन शनि मंदिर जाकर सरसों के तेल से शनि देवता को स्नान कराएं. साथ ही काला तिल का दीपक जलाएं. शनि के दोष से छुटकारा मिल जाएगा.
कब शुरू होगा जेठ अमावस्या
जेठ अमावस्या की तिथि 5 जून को संध्या 6 बजकर 43 मिनट से शुरू हो जाएगी. इसका समापन अगले दिन 06 जून संध्या 07 बजकर 12 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार अमावस्या तिथि 6 जून को ही मानी जाएगी.