उज्जैन. सनातन धर्म में गंगा नदी को माता का दर्जा दिया गया है, इसलिए भक्त अपने घर को पवित्र रखने के लिए गंगाजल रखते हैं. कहा जाता है कि गंगा का पानी मोक्ष प्रदान करता है और इसका उपयोग पूजा, शुद्धिकरण, अभिषेक और कई धार्मिक कार्यो और अनुष्ठानों में किया जाता है. गंगाजल के बिना कोई भी धार्मिक कार्य या अनुष्ठान सम्पूर्ण और संपन्न नहीं माना जाता है. लेकिन इसे रखने के नियमों का पालन न किया जाए तो यह भी अपवित्र हो जाता है. आइए ज्योतिष आचार्य रवि शुक्ला से जानते हैं घर में गंगाजल रखने के नियमों को बारे में…
गंगाजल घर में रखते वक्त जरूर रखें ये सावधानियां…
– गंगाजल को कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं रखना चाहिए, जहां पर अंधेरा रहता हो. गंगाजल बेहद पवित्र होता है, इसलिए इसे रखते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि जहां पर गंगाजल रखा है वहां किसी तरह की गंदगी ना हो.गंगाजल को भूलकर भी उस दिन हाथ ना लगाएं, जिस दिन आपने मांस या मदिरा का सेवन किया हो. साथ ही उस कमरे में भी गंगाजल को ना रखें, जहां आप इनका सेवन कर रहे हो, इससे गृहदोष तो लगता ही है साथ में पाप के भागीदार भी बनते हैं.
गंगाजल रखने का सबसे पवित्र स्थान घर का मंदिर माना जाता है और मंदिर के ईशान कोण में गंगाजल रखें. यह दिशा धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम मानी जाती है. ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाएगी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा. मंदिर के साथ ही प्रतिदिन गंगाजल की पूजा करें.
– आज के समय में हर कोई गंगाजल को प्लास्टिक की बोतलों या डिब्बे आदि में भरकर रखता है, लेकिन इस तरह से भूलकर भी गंगाजल नहीं रखना चाहिए, क्योंकि प्लास्टिक को शुद्ध नहीं माना जाता है. गंगाजल को हमेशा किसी पवित्र पात्र में रखना चाहिए. गंगाजल रखने के लिए तांबा, पीतल, मिट्टी या चांदी का पात्र उत्तम माना जाता है.Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का जगन्नाथ डॉट कॉम व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.