धर्म

शारदीय नवरात्रि पर पालकी में सवार होकर आएंगी माता दुर्गा, होगा बेहद अशुभ, अयोध्या के ज्योतिषी से जानें प्रभाव

अयोध्या: सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, जिसमें एक शारदीय दूसरा चैत्र तथा दो गुप्त नवरात्रि होते हैं. नवरात्रि में 9 दिनों तक नवदुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान माता जगत जननी जगदंबा नौ दिनों तक अपने भक्तों के बीच में रहती हैं. इस दौरान सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को मां जगत जननी जगदंबा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करनी चाहिए. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है. जिसका समापन 12 अक्टूबर विजयदशमी के दिन होगा. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि इस बार शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा का आगमन किस पर है और किस पर माता दुर्गा प्रस्थान करेंगी और क्या प्रभाव देश दुनिया पर पड़ेगा.अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा का आगमन पालकी पर होगा. शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है, जिसका समापन विजयदशमी के दिन 12 अक्टूबर को समाप्त होगा. इस दौरान माता रानी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाएगी. वहीं  घट स्थापना का भी शुभ मुहूर्त सुबह 6:14 से लेकर सुबह 7:21 तक रहेगा यानी 1 घंटे 6 मिनट तक घट स्थापना का शुभ मुहूर्त है. दूसरी तरफ अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:45 से लेकर दोपहर 12:33 तक रहेगा. इतना ही नहीं इस बार माता रानी पालकी पर सवार होकर आ रही है. जिसका प्रभाव देश दुनिया पर भी देखने को मिलेगा.इस साल माता दुर्गा का आगमन पालकी पर होने जा रहा है, जो अशुभ संकेत माना जाता है. अगले छह महीने यानी चैत्र नवरात्रि तक मानव जीवन के स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ने वाला है. लोग मौसमी बीमारी की चपेट में ज्यादा आएंगे और प्राकृतिक आपदा की संभावना भी बन सकती है.Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का  जगन्नाथ डॉट कॉम  व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है

Manoj Mishra

Editor in Chief

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