बरेली: कर्म करो फल की चिंता मत करो… इस बात को कहना तो बहुत आसान है, लेकिन कर दिखाना मुश्किल. बहरहाल, आज भी ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो जरूरतमंद की मदद कर रहे हैं. बरेली (Bareilly) के रहने वाले व्यापारी सुंदर सिंह अनेजा एवं उनके दोस्त टीकम दास ने मिलकर इस बात को साबित किया है. यह दोनों मिलकर बरेली में एक रसोई चलाते हैं, जिसका नाम है ‘सब की रसोई (Sab Ki Rasoi).’ यहां लोगों को मात्र 10 रुपये में भरपेट खाना उपलब्ध कराया जाता है. यह रसोई बरेली के खुसलोक हॉस्पिटल स्टेडियम रोड के सामने चलाई जाती है.
कैसे बना ‘सब की रसोई’ का प्लान?
‘सब की रसोई’ के संचालक बताते हैं की 6 साल पहले सारे दोस्त एक साथ बैठे थे. दिमाग में आइडिया आया कि कैसे गरीब लोगों के लिए अच्छा और स्वादिष्ट खाना मोहिया करा सके. इसके बाद बरेली में ‘सब की रसोई’ की शुरुआत की गई. रोजाना गरीब तबके के मजदूर एवं असहाय लोगों यहां भोजन करते हैं. दोपहर का खाना 1 बजे से 2 बजे तक उपलब्ध कराते हैं. खाने की क्वालिटी अच्छी और साफ होने से ग्राहक बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं.और खाना खाते हैं. रोजाना 200-300 लोग इस रसोई का लाभ उठाते हैं.
क्या-क्या मिलता है खाने में?
‘सब की रसोई’ के संचालक सुंदर सिंह अनेजा बताते हैं कि उनके यहां मात्र 10 रुपये में सब्जी ,चावल, रोटी, पुरी, दाल और मीठे में रसगुल्ला या हलवा मिलता है. हर दिन अलग-अलग तरह का खाना लोगों को खिलाया जाता है. लोगों की सेहत को देखते हुए खाना बनाते समय साफ सफाई एवं क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाता है.इस रसोई को चलाने का मुख्य उद्देश्य लोगों की सेवा करना है. इस रसोई के द्वारा हम कम से कम रुपए में लोगों को खाना उपलब्ध कराते हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति भूखा न रह सके.