चंडीगढ़: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुड़गांव के दंपति के बीच चल रहे विवाद के चलते परेशान हो रहीं उनकी जुड़वा बच्चियों को बोर्डिंग स्कूल भेजने का फैसला सुनाया है। ये फैसला जस्टिस संजय वशिष्ठ ने बच्चियों से चैंबर में बातचीत करने और भावनात्मक स्थिति समझने के बाद दिया है। उन्होंने फैसला देते हुए कहा कि बच्चियों को गुड़गांव के किसी बोर्डिंग स्कूल में भेजा जाए और उसका खर्च माता-पिता दोनों वहन करें।दरअसल, गुड़गांव के एक दंपति का वैवाहिक विवाद हाई कोर्ट में चल रहा है। इसकी सुनवाई में उनकी जुड़वा बच्चियों भी पहुंची। बातचीत के दौरान दोनों ने माता-पिता के व्यवहार के बारे में बताया। कोर्ट के रेकॉर्ड के अनुसार, बच्चियों कई बार माता-पिता को झगड़ते और हाथापाई करते देख चुकी हैं। उन्होंने बताया कि पिता दफ्तर के काम में व्यस्त रहते हैं और देर से घर लौटते हैं, जबकि मां दिनभर वर्क फ्रॉम होम में व्यस्त रहती हैं। इस वजह से बच्चियों अकेलापन महसूस करती हैं।अगली सुनवाई 15 को
कोर्ट ने जिला प्रशासन और स्कूल प्रबंधन को इस प्रक्रिया में सहयोग देने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि दाखिले कि प्रक्रिया शुरू होने से पहले पिता की सहमति से मां दो दिन तक बच्चियों को अपने साथ रख सकती है। बच्चों से मिलने के लिए अधिकार को लेकर अलग से फैसला किया जाएगा। इस मामले पर अगली सुनवाई 15 अक्तूबर को होगी। इस पूरे मामले में कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्चियों के हित सर्वोपरि हैं। माता-पिता के आपसी मतभेदों का असर उनके मानसिक विकास पर नहीं पड़ना चाहिए। जस्टिस संजय वशिष्ठ ने टिप्पणी की कि बच्चियों की मासूमियत और भावनात्मक स्थिरता को बनाए रखना अदालत की प्राथमिक चिंता है।

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