रायपुर (श्रीकंचनपथ न्यूज़)। हालांकि इसमें कोई समानता नहीं है कि पहले और दूसरे चरण की वोटिंग से तीसरे चरण पर कोई असर पड़े, लेकिन राजनीतिक दलों के साथ ही राजनीतिक विश्लेषक भी यह गुणा-भाग लगा रहे हैं कि पहले दो चरण का मतदान किसके पक्ष में हुआ है? भाजपा को खासतौर पर इस बात की चिंता सता रही है कि जिन क्षेत्रों में उसके विधायक हैं, वहां अपेक्षानुरूप वोटिंग नहीं हुई है। वहीं कांग्रेस इस बात को लेकर खुश है कि उसके विधायकों के क्षेत्र में खासा मतदान हुआ है। आमतौर पर मतदाताओं का उपेक्षित रवैय्या सत्ता के पक्ष में माना जाता है। कहा जाता है कि कम मतदान बदलाव की ओर इशारा नहीं करता। लेकिन तुलनात्मक रूप से कांग्रेसी विधायक वाले क्षेत्रों में ज्यादा मतदान भाजपा के लिए चिंता की वजह जरूर बन रहा है। अब दो चरणों की वोटिंग के बाद तीसरे चरण में 7 सीटों पर मतदान होना है और दोनों दल इसके लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए प्रथम और दूसरे चरण के लिए भाजपा-कांग्रेस के नेताओं सहित राजनीति में रुचि रखने वाले लोग गुणा-भाग में लगे हैं कि किसके पक्ष में ज्यादा वोटिंग हुई। वोटिंग प्रतिशत के हिसाब से हर कोई अपने-अपने समीकरण बिठाने में लगा है। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, प्रथम और दूसरे चरण में प्रदेश की चार सीटों पर मतदान हुआ है। इन चार सीटों में कुल 32 विधानसभा आती हैं। विधानसभावार यदि वोटिंग प्रतिशत पर नजर डालें, तो सर्वाधिक वोटिंग प्रथम चरण के चुनाव में बस्तर विधानसभा क्षेत्र में 83 प्रतिशत हुई। इसी तरह 80 प्रतिशत से अधिक वोटिंग 32 विधानसभा में से सिर्फ 4 सीटों पर हुई है। ये चारों सीटें अभी कांग्रेस के पास है। वहीं 15 विधानसभा क्षेत्रों में 75 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हुई है, जिनमें अभी 9 भाजपा के पास तो 6 कांग्रेस के पास है।
मतदान के आंकड़ों की समीक्षा
लोकसभा चुनाव के प्रथम और दूसरे चरण के लिए हुई वोटिंग के प्रतिशत को लेकर भाजपा और कांग्रेस में संगठन स्तर पर समीक्षा की जा रही है। राजनीतिक दल दिमाग खपा रहे हैं कि किस विधायक के क्षेत्र में मतदान प्रतिशत कम है और कहां ज्यादा। खासकर भाजपा में इसकी ज्यादा समीक्षा की जा रही है क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद सत्तारुढ़ विधायक के क्षेत्र में मतदान प्रतिशत कम हुआ है। बता दें कि 32 विधानसभा क्षेत्र में से 15 सीट पर भाजपा तो 17 सीट पर वर्तमान में कांग्रेस विधायक है। लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में 2024 में इन चार सीटों के 32 विधानसभा क्षेत्रों में से एक-दो सीटों को छोड़कर लगभग सभी सीटों पर एक से तीन प्रतिशत अधिक वोटिंग हुई है। इस बार की ही तरह बस्तर लोकसभा सीट के बस्तर विधानसभा में 2019 में भी सर्वाधिक 81.31 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
पूरा जोर तीसरे चरण पर
पहले दो चरणों में 1 और 3 सीटों पर मतदान हुआ था, जबकि तीसरे चरण में कुल 7 सीटों पर वोटिंग होनी है। भाजपा व कांग्रेस का पूरा जोर अब इन 7 सीटों पर है। इनमें से ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस को छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद जीत नसीब नहीं हुई है, या एकाध बार ही जीतने में कामयाबी मिली है। एक ओर जहां भाजपा अपना पुराना रिकार्ड बरकरार रखने और उसमें सुधार करने में जुटी है तो दूसरी कांग्रेस भी भाजपाई सीटों को हथियारे ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। पार्टी के नेताओं के मुताबिक, तीसरे चरण की सरगुजा, दुर्ग, कोरबा जैसी सीटों पर कांग्रेस के लिए अच्छी संभावनाएं है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेताओं को मैदान में उतारकर भाजपा के समक्ष कड़ी चुनौती पेश की है। वहीं कई क्षेत्रों में नए और युवा प्रत्याशी पर भी दाँव लगाया गया है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कांग्रेस का यह दाँव कितना कामयाब होता है।
अपने-अपने पक्ष में दावे
जिन 4 सीटों पर दो चरणों में मतदान हुआ है, उसे लेकर दोनों दलों के अपने-अपने दावे भी सामने आए हैं। कांग्रेस इन 4 सीटों में से बस्तर, राजनांदगांव और महासमुंद में अपने लिए खासी संभावनाएं देख रही है। जबकि भाजपा का दावा है कि दोनों चरणों की चारों सीटें उसके पक्ष में है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में कहा था कि न केवल दो चरणों में हुए मतदान बल्कि तीसरे चरण में भी नतीजे भाजपा के पक्ष में आएंगे और कांग्रेस का इस बार पूरे राज्य से सूपड़ा साफ हो जाएगा। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जोर देकर कहा था कि इस बार कांग्रेस को पूर्वापेक्षा अधिक सीटें मिलने जा रही है। दोनों दलों के अपने-अपने दावे हैं। इस बीच राजनीतिक विश्लेषकों का भी मानना है कि इस बार राज्य में भाजपा व कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर है। इसका नजारा पहले और दूसरे चरण में देखा जा चुका है।
इन सीटों पर होनी है वोटिंग
तीसरे चरण में रायपुर से भाजपा के बृजमोहन अग्रवाल व कांग्रेस से विकास उपाध्याय के बीच मुकाबला है। बिलासपुर में कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव का मुकाबला भाजपा के तोखन साहू से है। दुर्ग में भाजपा के विजय बघेल को कांग्रेस के राजेंद्र साहू चुनौती दे रहे हैं। सरगुजा में भाजपा के चिंतामणि महराज को कांग्रेस की शशि सिंह टक्कर दे रही है। रायगढ़ में कांग्रेस की डॉ. मेनका सिंह और भाजपा के राधेश्याम राठिया के बीच मुकाबला है। कोरबा सीट पर भाजपा से सरोज पांडेय और कांग्रेस से ज्योत्सना महंत मैदान में हैं। वहीं जांजगीर-चांपा में कांग्रेस के डॉ. शिव डहरिया और भाजपा की कमलेश जांगड़े के बीच मुख्य मुकाबला है। लेकिन कहानी इतनी भर नहीं है। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 लोकसभा सीटों में 168 प्रत्याशी चुनाव मैदान पर हैं। सबसे अधिक 38 प्रत्याशी रायपुर लोकसभा में चुनाव मैदान पर हैं। वहीं दूसरे स्थान पर बिलासपुर लोकसभा है, जहां से 37 प्रत्याशी मैदान में हैं।
The post CG Politics: दो चरणों की छाया तीसरे चरण पर! पहले दो चरणों में हुए 4 सीटों के मतदान से तीसरे चरण की सीटों का गणित निकाल रहे राजनीतिक दल appeared first on ShreeKanchanpath.