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शोर-शराबे से दूर है नया साल मनाना ? चले जाइए छत्तीसगढ़ के इस कूल-कूल डेस्टिनेशन, पर्यटकों की फेवरेट

छत्तीसगढ़ में घूमने-फिरने की जगहों की कोई कमी नहीं है. जंगल, झरने, पहाड़ और जलाशयों से सजा यह राज्य नए साल के स्वागत के लिए हर साल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. इसी कड़ी में राजधानी रायपुर से महज 128 किलोमीटर दूर कांकेर जिले में स्थित खमढोड़गी जलाशय नए साल में घूमने की बेस्ट और नेचुरल डेस्टिनेशन के रूप में तेजी से पहचान बना रहा है. यहां शुरू की गई बैम्बू राफ्टिंग और नौकायन सुविधा पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र बनी हुई

घने जंगल, दूर तक दिखती पहाड़ियां

नए साल के मौके पर बड़ी संख्या में लोग शोर-शराबे और भीड़-भाड़ से दूर, प्रकृति के करीब समय बिताने की चाह रखते हैं. खमढोड़गी जलाशय इस सोच पर पूरी तरह खरा उतरता है. चारों ओर फैली हरियाली, घने जंगल, दूर तक दिखती पहाड़ियां और शांत जलराशि मिलकर यहां का माहौल बेहद सुकूनभरा बना देती हैं. सुबह की हल्की धूप में जलाशय का दृश्य हो या शाम को ठंडी और शुद्ध हवा के बीच डूबते सूरज का नजारा हर पल यादगार बन जाता है. इस पर्यटन स्थल की सबसे खास पहचान बैम्बू राफ्टिंग है, जो पूरी तरह स्थानीय संसाधनों और पारंपरिक तकनीक से तैयार की गई है.

हर वर्ग के पर्यटकों के लिए उपयुक्त

बांस से बनी राफ्ट पर सवार होकर पानी के बीचों-बीच पहुंचना रोमांच और रोमांस का अनोखा संगम पेश करता है. वहीं नौकायन की सुविधा उन सैलानियों को खूब लुभा रही है, जो प्रकृति को नजदीक से देखने और कैमरे में कैद करने के शौकीन हैं. दोस्त – यारों के साथ एडवेंचर हो या कपल्स और परिवार के साथ सुकून भरे पल खमढोड़गी हर वर्ग के पर्यटकों के लिए उपयुक्त साबित हो रहा है. नए साल के दौरान यहां लोकल टच भी पर्यटकों को खास अनुभव देता है. यहां छत्तीसगढ़ की स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली की झलक पर्यटकों को असली पहचान से रू-बरू कराती है.पर्यटन विभाग के अनुसार, खमढोड़गी जलाशय को इको-टूरिज्म के रूप में विकसित करने का उद्देश्य सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ना भी है. गाइड, नाविक और अन्य पर्यटन सेवाओं में स्थानीय लोगों की भागीदारी से क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल रही है. अगर नए साल में कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं और चाहते हैं कि वह जगह प्राकृतिक, शांत और यादगार हो, तो खमढोड़गी जलाशय एक बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आया है. यह स्थल न केवल नए साल को खास बनाने का मौका देता है, बल्कि छत्तीसगढ़ को एक उभरते हुए नेचुरल और इको-टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में मजबूत पहचान भी दिला रहा है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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