शिक्षा और स्वास्थ

बच्चों की जिद से अब न हों परेशान, इन टिप्स की मदद से चुटकियों में मनवाएं अपनी बात

बच्चे की परवरिश करना शब्द सुनने में तो बहुत आसान लगता है लेकिन यह काम बहुत चैलेंजिंग है. किसी भी माता-पिता के लिए बच्चे की परवरिश मुश्किल होता है. जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं उनकी चुनौतियों का रूप भी बदलता रहता है. अगर हम जिद्दी बच्चे की बात करें तो उसका गुस्सा तबी हैंडल किया जा सकता है जब माता-पिता पॉजिटिव एप्रोज रखेंगे. बच्चे अगर जिद्दी बनते हैं तो उसके पीछे कई कारण होते हैं. जैसे कई बार बच्चे को लगता है कि उन्हें सुना नहीं जा रहा है. ऐसे में जरूरी है कि माता-पिता बच्चे के साथ डील करने का सही तरीका जानें. चलिए जिद्दी बच्चे से डील करने के कुछ टिप्स बताते हैं.

हर बात पर टोकना गलत

हर माता-पिता को ध्यान रखना जरूरी है कि वे बच्चे को हर छोटी-छोटी बात पर टोकना बंद कर दें. इसका कारण है कि हर बात पर टोकने से बच्चा कद्र नहीं करेगा. ऐसे में आपकी अहमियत कम हो जाएगी और बच्चे का जिद्द भी जारी रहेगा.

बच्चे को विकल्प देना जरूरी

बच्चे को किसी भी काम में ऑप्शन देने से उन्हें सेंस ऑफ कंट्रोल महसूस होता है. ऐसा करने पर बच्चे कम जिद्दी होते हैं. यानी किसी भी काम के लिए ऑर्डर देने की बजाय उसे ऑप्शन देना जरूरी है.

मोटिवेट करें

आप अपने बच्चे को बीच-बीच में मोटिवेट करें. इसके लिए बच्चे की तारीफ करें, उन्हें गिफ्ट दें और बताएं कि ये उनके अच्छे व्यवहार के लिए दिया गया है.

माता-पिता का शांत रहना जरूरी

आफ कभी भी बच्चे के साथ इमोशनल होकर गुस्से में रिएक्ट न करें. इससे बच्चे और अधिक जिद करने लगते हैं.

नहीं का मतलब नहीं

अगर आपने बच्चे के लिए कोई नियम बनाया है तो उसे स्टक करें. ध्यान रहे कि अगर आप एक बार ना बोलकर फिर से बच्चे की जिद के आगे झुक जाते हैं तो इससे बच्चे को परमिशन मिल जाती है कि वे जिद्द करके आपकी ना को हां में बदलवा सकते हैं.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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