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अवैध रूप से धान बेचने काम कर रहा संगठित गिरोह, एमसीबी में एक कोचिया गिरफ्तार

रायपुर। मनेन्द्रगढ-चिरमिरी-भरतपुर जिले अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्र नागपुर में अवैध धान विक्रय करते हुए कोचिया को गिरफ्तार किया गया हैं। जिससे अवैध धान विक्रय के संगठित प्रयास का एक बड़ा मामला उजागर हुआ है। राजस्व अमले की सतर्कता और समय पर की गई कार्रवाई से शासन को लगभग तीन लाख रुपये की संभावित आर्थिक क्षति से बचा लिया गया।

जिला प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 दिसंबर को दोपहर 2 बजे पटवारी हल्का नागपुर के साथ आगामी दिवस के लिए कटे हुए टोकनों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा था। इसी दौरान ग्राम लाई निवासी सोहन पिता रामसिंह से पूछताछ में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए। सोहन ने बताया कि उसके खेत में केवल धान बीज का छिड़काव हुआ था, बोवाई, रोपाई और कटाई नहीं की गई थी, बावजूद इसके नागपुर निवासी संदीप जायसवाल उसके पास आया और कहा कि जब वहां बुलाए तो सोहन, समिति में आकर खड़ा हो जाए। इसके बदले संदीप ने उसे पैसे देने का लालच दिया और उसका बैंक पासबुक व एटीएम ले गया। यह संकेत साफ था कि किसी बड़े अवैध धान विक्रय की तैयारी की जा रही थी।

रंगे हाथों पकड़ा गया धान बिक्री का खेल
सूचना की गंभीरता को देखते हुए 2 दिसंबर को सोहन को समझाइश देकर संदीप द्वारा बताई गई प्रक्रिया को वैसा ही करने की सलाह दी गई ताकि पूरे रैकेट को रंगे हाथों पकड़ा जा सके। योजना के अनुसार संदीप द्वारा बुधवार की सुबह लगभग 10 बजे पहली ट्रिप में 124 बोरी यानी 49.80 क्विंटल धान समिति में उतारा गया। इसके बाद शाम 3 बजे दूसरी ट्रिप में करीब 120 बोरी अर्थात 47.20 क्विंटल धान सोनालिका ट्रैक्टर में लाकर समिति में खपाने की कोशिश की गई। यह धान संदीप जायसवाल के नागपुर बस्ती स्थित घर से लोड कर लाया गया था। मौके पर पहुंची टीम ने तथ्यों की पुष्टि की और पाया कि कुल 96.80 क्विंटल धान सोहन के खाते के नाम पर अवैध रूप से विक्रय करने का प्रयास किया जा रहा था, जबकि सोहन के खेत से धान उत्पादन हुआ ही नहीं था।

शासन को भारी नुकसान से बचाया 
मौके पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पहली ट्रिप के 124 बोरी धान को समिति में जप्त कर समिति प्रभारी को सुपुर्द किया गया, जबकि दूसरी ट्रिप के लगभग 120 बोरी धान सहित सोनालिका ट्रैक्टर को थाना सुपुर्द कर दिया गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि संदीप जायसवाल पिता राधेश्याम जायसवाल द्वारा कृषक सोहन के खाते में अवैध धान चढ़ाकर शासन को लगभग 3,00,080 रूपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था। पूरे प्रकरण का विस्तृत पंचनामा तैयार कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है। यह कार्रवाई न केवल प्रशासन की सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि धान खरीदी प्रणाली में किसी भी प्रकार की हेराफेरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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