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आज शाम से लेकर रात तक करें ये खास उपाय, जानें कार्तिक पूर्णिमा पर कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन संध्या के दौरान विशेषकर लाभकारी माना जाता है। इस दिन शाम से लेकर रात तक कुछ उपाय करने से धन-धान्य बढ़ता है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बना रहता है।आज बुधवार के दिन कार्तिक पूर्णिमा व देव दीपावली मनाई जाएगी। इस खास दिन पर मां लक्ष्मी व विष्णु भगवान की विधिवत पूजा की जाती है। आमतौर पर पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन संध्या के दौरान विशेषकर लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शाम से लेकर रात तक कुछ उपाय करने से धन-धान्य बढ़ता है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बना रहता है।

आज शाम से लेकर रात तक करें ये खास उपाय, जानें कार्तिक पूर्णिमा पर कैसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

आज कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए 5, 7, 11 या 108 बार श्री सूक्त का पाठ करें। इसके साथ ही माता को कमल का पुष्प और सात्विक खीर अर्पित करें। श्री लक्ष्मी मंत्र का जाप भी करें।

कैसे करें श्री सूक्त का पाठ?

  1. स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ लाल, सफेद या गुलाबी वस्त्र धारण करें।
  2. फिर माता लक्ष्मी और श्रीयंत्र की पूजा करें।
  3. फिर कमल का पुष्प मां लक्ष्मी को अर्पित करें।
  4. इसके बाद धूप दीप प्रज्वलित करें।
  5. इसके बाद श्रीयंत्र एवं मां लक्ष्मी के चित्र के सामने खड़े होकर श्री सूक्त का पाठ करें।

    मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद। श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नमः॥

    श्री सूक्त पाठ

    ओम हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्,

    चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।।

    तां म आवह जात वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,

    यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्,

    क्षुत्-पिपासाऽमला ज्येष्ठा, अलक्ष्मीर्नाशयाम्यहम्,

    अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वान् निर्णुद मे गृहात्।।

    गन्ध-द्वारां दुराधर्षां, नित्य-पुष्टां करीषिणीम्,

    ईश्वरीं सर्व-भूतानां, तामिहोपह्वये श्रियम्।।

    मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि,

    पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः।।

    कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम,

    श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम।।

    आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे,

    निच देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले।।

    आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्,

    सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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