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जो अधूरी रह गई’, इस्तीफे के बाद गृह जिला पहुंचे पूर्व CM चंपई; दिया खलबली मचाने वाला बयान

गम्हरिया। राज्य के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद पहली बार अपने गृह जिला सरायकेला पहुंचे चंपई सोरेन के स्वागत में शुक्रवार को समर्थकों की भीड़ उमड़ पड़ी

कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर उनके चेहरे पर हल्की मुस्कान तैरी, सबका अभिवादन किया। हालांकि, मन के किसी कोने में अधूरे सपनों को लेक थोड़ी टीस होने की भी झलक दिखी।

हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बनने के सवाल पर चंपई ने कहा कि उन्हें पद की लालसा नहीं है। जनता के बीच रहकर ही जनता की सेवा करना चाहता हूं। कैबिनेट विस्तार के बारे में पूछे जाने पर कहा कि महागठबंधन जो भी निर्णय लेगा, मैं उसका स्वागत करूंगा। लोगों का प्यार देखकर एक बार चंपई भावुक भी हुए।

काम करने वाले व्यक्ति की इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती- पूर्व CM

आदित्यपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जीवन में काम करने वाले व्यक्ति की इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती। थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ कर पाता, लेकिन सार्वजनिक जीवन में संगठन, अनुशासन, मर्यादा, नैतिकता का धर्म निभाना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

उन्होंने कहा कि पार्टी और गठबंधन के निर्देश का पालन करना हमारा धर्म और कर्तव्य है। हम पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और पार्टी तथा गठबंधन के हर निर्णय के साथ खड़े हैं।

चंपई ने अपने कार्यकाल का दिया लेखा-जोखा

अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा देते हुए चंपई ने कहा कि उन्होंने सीमित समय में ही राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर करने का भरसक प्रयास किया। उनके नेतृत्व में पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती और रोज़गार से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य शुरू किए गए।चंपई ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के साथ-साथ अन्य विभागों में भी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। युवाओं को नियुक्ति पत्र खुद के हाथों से देने की तमन्ना थी, जो अधूरी रह गई।

चंपई ने पांच महीने के कार्यकाल को बताया सफल

अपने पांच महीने के कार्यकाल को सफल बताते हुए चंपई ने कहा कि इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई। शिक्षक बहाली, पुलिस विभाग में भर्ती, जनजातीय भाषाओं पर आधारित शिक्षकों की भर्ती और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं।

चंपई ने यह भी बताया कि उनके गृह जिला सरायकेला में लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में डिग्री कॉलेज की मांग को देखते हुए दो नए डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की गई

Manoj Mishra

Editor in Chief

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