धर्म

धन की बारिश करने वाला है अपराजिता का पौधा, नीले फूलों से भर जाएगा’ माली ने बताया आसान तरीका, 3 बातें रखना याद

अपराजिता को शंखपुष्पी या बटरफ्लाई पी भी कहा जाता है। न केवल अपने सफेद और नीले फूलों की खूबसूरती की वजह से जाना जाता है। बल्कि हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसे घर में लगाने से धन-संपत्ति और सुख-समृद्धि आती है। लेकिन लोगों की शिकायत होती है कि उनके पौधे में कम ही फूल खिलते हैं।ऐसे में गार्डनिंग एक्सपर्ट अंजू सिंह ने पौधे को फूलों से भरने के लिए कुछ बेहद आसान और जरूरी टिप्स दिए हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका अपराजिता का पौधा नीले फूलों से लद जाए, तो इस जानकारी को समझ लीजिए। इससे बहुत कम मेहनत और देखभाल के लिए अच्छी फ्लावरिंग ले सकते हैं।एक ऐसा पौधा है जो तेज धूप को आसानी से सहन कर सकता है, बल्कि इसे पसंद करता है। गार्डनिंग एक्सपर्ट अंजू सिंह की सलाह है कि फूलों की बहार के लिए पौधे को सही मात्रा में धूप मिले। अपराजिता को अपनी पूरी क्षमता से फूल पैदा करने के लिए कम से कम 5 से 6 घंटे की सीधी धूप की जरूरत होती है।धूप सहन करने के साथ-साथ, अपराजिता के पौधे को मिट्टी में हल्की नमी बहुत पसंद होती है। तो मिट्टी को पूरी तरह से सूखने नहीं देना चाहिए। जब आप मिट्टी में नमी बनाए रखते हैं, तो पौधा स्ट्रेस-फ्री रहता है और फूलों की कलियां अधिक बनाता है। पानी तभी दें जब गमले की मिट्टी की ऊपरी परत सूखी दिखने लगे। गार्डनिंग एक्सपर्ट अंजू सिंह की सबसे जरूरी टिप्स है कि अगर पौधे पर लगातार फ्लावरिंग चाहते हैं। तो सूखे हुए फूलों को तुरंत तोड़ दें। जब फूल सूख जाते हैं, तो पौधे की ऊर्जा फूल बनाने की जगह बीज बनाने में लग जाती है। पौधे का मुख्य उद्देश्य अपनी प्रजाति को आगे बढ़ाना होता है। तो जैसे ही किसी फूल को मुरझाया हुआ देखें, उसे तुरंत कैंची या हाथ से तोड़ दें।पौधे को हेल्दी रखता है। तो लकड़ी या तार से सहारा दें और पॉटिक्स मिक्स के लिए 50% सामान्य मिट्टी, 30% गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट और 20% रेत का मिश्रण तैयार करें।अपराजिता जब लगातार फूल देता है, तो अधिक पोषण की जरूरत होती है। हर 15-20 दिनों में पौधे को खाद दें। गोबर की पुरानी खाद, केंचुआ खाद या सरसों की खली का इस्तेमाल कर सकते हैं। फूलों की संख्या बढ़ाने के लिए केले के छिलके की तरल खाद या प्याज के छिलके का पानी बहुत असरदार होता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे यूट्यूब वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं।  जगन्नाथ डॉट कॉम इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है

Manoj Mishra

Editor in Chief

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