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400 साल बाद राजवंश को श्राप से मुक्त करने वाली रानी तृषिका, सादगी के लिए हैं मशहूर, साड़ी में दिखता है रॉयल रूप

मैसूर का वाडियार राजघराना देश के सबसे रईस रजवाड़ों में से एक है, जो आज भी अपनी शाही विरासत को संजोए हुए हैं। जिसके 27वें राजा राजा यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार राजवंश जानकारी के अनुसार 80 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। जिनका राजवंश हमेशा से ही एक श्रॉप के चलते वारिस से वंचित रहा, तो 400 साल बाद उनकी पत्नी बनकर आईं डुंगरपुर की राजकुमारी तृषिका सिंह ने उसे एक साल के भीतर ही खत्म कर दिया।इसके बाद से ही तृषिका सिंह को राजवंश को श्राप मुक्त करने वाली रानी के नाम से जाना जाने लगा, जो अपनी सादगी से भी लोगों का दिल जीत लेते हैं। भले ही वह करोड़ों की संपत्ति के मालिक की पत्नी बनीं, लेकिन उनका पहनावा एकदम सादा- सिंपल है। जिसके चलते वह हर तीज- त्योहार पर लोगों की नजरों में आ जाती हैं, तो सामाजिक कार्यक्रम में भी उनका अंदाज बेस्ट लगता है। राजघराने के श्राप से जुड़ी कहानी बताने से पहले चलिए राजकुमारी की सादगी पर नजर डालते हैं, जो साड़ी में अपने शाही ठाठ दिखा जाती हैं। लेकिन, तीज- त्योहार को छोड़कर वह किसी भी मौके पर गहनों में लदीं नहीं दिखतीं और अपनी सिंपलिसिटी से ही दिल जीतती हैं। उनके साड़ी कलेक्शन में सिल्क से लेकर लिनन और शिफॉन तक की खूबसूरत साड़ियां शामिल हैं। तो शाही परिवार की दौलत की कोई कमी नहीं है, लेकिन सबका पहनावा एकदम सादा- सिंपल ही रहता है। जिसमें भी उनका क्लासी रूप दिखाई देता है। जैसे कि यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने के लिए राजकुमारी पर्पल कलर की ड्यूल शेड साड़ी में नजर आईं। जिसके सिर्फ बॉर्डर पर सितारों वाला काम हो रखा है। जिसे पल्लू को उन्होंने स्टॉल की तरह ओढ़ा, तो झुमके पहन लुक पूरा कर लिया।रानी तृषिका सिंह यहां सिल्क की खूबसूरत साड़ी में नजर आ रही हैं। जिसके पल्लू को पर्पल टच देकर सुनहरे जरी वर्क से सजाया है। जिसे प्लीट्स में करके उन्होंने एकदम रॉयल परिवार की महिलाओं की तरह पल्लू को दूसरी कंधे पर कैरी किया। जहां सोने के दो हार और झुमके पहनकर वह नीली मैचिंग चूड़ियों के साथ बालों को पोनीटेल में बांधे खूबसूरत दिखीं। तृषिका सिंह अपने पति राजा वाडियार के साथ अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर भी पहुंचीं और वहां साड़ी में उनकी सादगी साफ दिखी। जिसके लिए उन्होंने एकदम सादा- सा रूप अपनाया। जहां प्लेन पीली साड़ी में भी उनका शाही रौब अलग दिखा। जिसके सुनहरे जरी बॉर्डर को खूबसूरती- से सजाया, तो साथ में उन्होंने पफी जैकेट पहनकर लुक पूरा किया। वहीं, राजा साहब सफेद कुर्ते के साथ बेज कलर की हाफ जैकेट डाल बढ़िया लगे।राजकुमारी ज्यादातर सिल्क या शिफॉन की साड़ी में ही नजर आती हैं। यहां उन्होंने पिंक कलर की फ्लोरल पैटर्न वाला शिफॉन साड़ी पहनी। जिस पर लाइट और डार्क शेड के फूलों के गुच्छे बने हैं, तो सुनहरा बॉर्डर इसमें शाइन ले आया। जिस पर कोई हैवी एम्ब्रॉयडरी नहीं है, लेकिन ये फिर भी रॉयल फील दे गई। दरअसल, वाडियार राजघराने में पिछले 400 साल के किसी भी वारिस का जन्म नहीं हुआ था। ऐसे में जब 27वें राजा की 2016 में शादी तृषिका सिंह से हुई, तो लोगों को उम्मीदें बंधी। जिसके बाद 2017 में उन्होंने राजकुमार को जन्म दिया और राजवंश के सिर से ये श्राप हट गया। इसके बाद उन्होंने एक और राजकुमार का स्वागत किया। वहीं, इससे पहले किसी संबंधी के बेटे को ही गोद लेकर गद्दी पर बिठाया जाता था और 27वें राजा को भी राजपरिवार ने गोद लेकर राजा बनाया है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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