देश दुनिया

बिहार चुनाव: ‘अगर आप हमें अपने साथ रखना चाहते हैं, तो हमें 4-5 सीटें दें’, सीट बंटवारे के बाद NDA के नेता ने की मांग

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर NDA में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। बीजेपी 101, जेडीयू 101, चिराग पासवान की एलजेपी (R) 29 सीटों पर, उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम छह सीटों पर और जीतनराम मांझी की पार्टी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। एनडीए के सीट बंटवारे की घोषणा के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हम बिहार में एक मोर्चा बनाएंगे और चुनाव लड़ेंगे।

बिहार के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को उपचुनाव में हमारी जरूरत थी तो वह गिड़गिड़ा रहे थे कि हमारी मदद करिए नहीं तो हमारी इज्जत चली जाएगी। उन्होंने वो बात विनोद तावड़े के पास पहुंचाई और उन्होंने भी यह बात स्वीकार की। जेपी नड्डा ने भी यह बात स्वीकार की। फिर उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की और अपने कार्यक्रम की एक लिस्ट दी। उन्होंने कहा कि चुनाव आएगा तो हम लोग बैठकर तय कर लेंगे और मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा। हम उनके भरोसे पर रहे थे। फिर बातचीत होती रही और सब लोग आश्वासन देते रहे। दुर्भाग्य है कि बिहार में रहने वाले प्रजापति का, दुर्भाग्य है राजभर, राजवंशी का, ऐसी जातियां हैं जिनकी आबादी हर विधानसभा में 20-80 हजार तक वोट हैं, लेकिन इनके वोट को पासवान की पार्टी कहती है कि हमारा वोट है, मांझी कहते हैं कि हमारा वोट हैं, बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू कहती है कि हमारा वोट है।”

52 सीटों पर उम्मीदवार तय कर चुकी पार्टी- ओपी राजभर

ओपी राजभर ने कहा, “ये लोग वोट देने की मशीन बन कर रह गए हैं। इस नाते अब इनकी पहचान कराना, अब वहां के लोगों से बातचीत हुई और उन्होंने कहा कि हमने 10-10 रुपये जुटाकर आप आए, हम लोगों ने 20-25 हजार की रैली की है। आप पर्चा भरवाइए हम लोग वोट देंगे। अब SBSP बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ने पर विचार कर रही है। हम एक मोर्चा बनाएंगे और वहां चुनाव लड़ेंगे। पहले फेज में पार्टी अब तक 52 सीटों के लिए उम्मीदवार तय कर चुकी है। हम आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। हम 153 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।”

जूता मारकर भगा देते हैं- ओपी राजभर

एसबीएसपी चीफ ने आगे कहा, “सभी पार्टियों की निगाहों में हम नहीं है। अभी यह लगता है कि सारी जाति के नेता बना लिए हैं। अब उन्हीं के सहारे जातियों का वोट लेते हैं और हिस्सेदारी देने की बात आती है तो मुकर जाते हैं। फिर वो टुकुर-टुकर ताकते हैं कि हमें एक सीट दे दो। फिर मारकर जूता भगा देते हैं, तुम्हारा अब कोई काम नहीं है। अब इस बार बिहार के लोगों में जागरूकता आई है। लोगों को अशिक्षित बनाकर और गुलाम बनाकर रखा हुआ है।”

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button