शाहजहांपुर : आलू को ‘सब्जियों का राजा’ कहा जाता है. आलू की फसल से किसान कम समय में अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. आलू का इस्तेमाल तमाम प्रकार व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है. आलू का इस्तेमाल चिप्स, लच्छा और नमकीन बनाने के लिए किया जाता है. आलू की कुछ ऐसी चुनिंदा किस्में हैं, जिनसे अच्छी क्वालिटी के चिप्स बनाए जाते हैं. अच्छा दाम मिलने से किसानों का इस ओर रुझान बढ़ा है. यह आलू अगर चिप्स बनाने वाली कंपनियों के मानक पर खरे उतरते हैं तो माल हाथों-हाथ खरीद लिया जाता है. बाजार से बेहतर दाम भी किसानों को मिलता है.किसान आलू की फसल उगाकर कम समय में अच्छा मुनाफा लेते हैं. अगर किसान आलू को सीधा बाजार में बेचने की बजाय उसके उत्पाद तैयार कर बाजार में बेचें तो अपनी आमदनी को कई गुना और ज्यादा बढ़ा सकते हैं. आलू की कुछ ऐसी किस्में हैं, जिनके अच्छी गुणवत्ता के चिप्स बनाए जा सकते हैं. किसान भी ऐसी किस्म की बुवाई कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. क्योंकि इनकी बाजार में ज्यादा मांग रहती है.110 दिन में तैयार होगी फसल
डॉ. पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि आलू की किस्म कुफरी चिप्सोना चिप्स बनाने के लिए बेहद ही पसंद की जाने वाली किस्मों में से एक है. इस किस्म के आलू सफेद-क्रीमी, अंडाकार, सतही आंखों वाले और गूदा सफेद होता है. ये किस्म 110 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. इसकी पैदावार लगभग 300 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. यह किस्म पिछेता झुलसा रोग प्रतिरोधी है. इस किस्म को ज्यादा समय तक भंडारित किया जा सकता है. ये किस्म आलू के चिप्स बनाने के लिए उपयुक्त है.मैदानी इलाकों में मिलेगा बंपर उत्पादन
डॉ. पुनीत कुमार पाठक ने बताया कि आलू की किस्म कुफरी हिमसोना के आलू सफेद-क्रीमी, गोल-अंडाकार, सतही आंखों वाले तथा गूदा क्रीमी होता है. फसल 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है. यह किस्म देश के पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग 15 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन देती है. मैदानी क्षेत्रों में इस किस्म से लगभग 300 से 350 क्विंटल उपज प्राप्त की जा सकती है. यह किस्म पिछेता झुलसा रोग की मध्यम प्रतिरोधी है. इस किस्म के आलू चिप्स तथा लच्छा बनाने के लिए उपयुक्त हैं. इस किस्म के आलू को लंबे समय तक भंडारित किया जा सकता है.
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