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SC में वकील ने की CJI की तरफ जूता उछालने की कोशिश, लगाए सनातन का अपमान न सहने के नारे

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी आर गवई की कोर्ट में एक वकील ने हंगामा करते हुए जूता फेंकने की कोशिश की. पुलिस ने आरोपी वकील को हिरासत में ले लिया. वह बाहर जाते समय बोला, “सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान.चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई के सामने कोर्ट में आज एक वकील ने हंगामा करने की कोशिश की. आरोप है कि वकील ने CJI की तरफ जूता फेंकने का प्रयास भी किया. घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपी वकील को हिरासत में ले लिया. इस बीच, पूरे घटनाक्रम के दौरान जस्टिस गवई शांत बने रहे और कोर्ट में सुनवाई यथावत जारी रही. उन्होंने कहा कि इन चीजों से “मुझे फर्क नहीं पड़ता.”बताया जा रहा है कि वकील डेस्क के पास गया और जूता निकालकर जज की तरफ फेंकने की कोशिश की लेकिन कोर्ट में मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते हस्तक्षेप किया और वकील को बाहर ले गए. बाहर जाते समय वकील यह कहते सुना गया, “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे.” आरोपी वकील का नाम राकेश किशोर बताया जा रहा है.  सुप्रीम कोर्टबार में उनका रजिस्ट्रेशन 2011 में हुआ है.CJI इस घटना से प्रभावित नहीं हुए और कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों से कहा कि अपने तर्क जारी रखें. उन्होंने कहा, “इस सब पर ध्यान मत दें. हम प्रभावित नहीं हैं. ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं.” हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने वकील को छोड़ दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

सीजेआई की तरफ जूता फेंक कर क्या बोला वकील?

एक वकील के मुताबिक, जिस वकील ने हमला किया, उसने चीफ जस्टिस की ओर कोई वस्तु फेंकी. वह चीज लगभग जस्टिस विनोद चंद्रन को लगते-लगते बची. इसके बाद उस वकील ने जस्टिस चंद्रन से माफी मांगी और कहा कि उसका निशाना चीफ जस्टिस थे. तभी सुरक्षा कर्मियों ने उसे पकड़ लिया और अदालत से बाहर ले गए.

इस घटना के बाद वकीलों के संगठन ने चीफ जस्टिस पर हुए हमले की निंदा की है. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AoR) एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेने और उस वकील के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की है.

 

सीजेआई पर क्यों की गई जूता फेंकने की कोशिश?

घटना पर एक वकील ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि आज की जो घटना है, वह बहुत ही दुखद है. एक कोर्ट में, वो भी वकील ने अगर असॉल्ट करने का प्रयास किया है, तो हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. देखिए, हमारे बार के वो मेंबर हैं. अभी हमने जांच किया और पता चला कि वो 2011 के मेंबर हैं.”CJI इस घटना से प्रभावित नहीं हुए और कोर्ट में मौजूद अन्य वकीलों से कहा कि अपने तर्क जारी रखें. उन्होंने कहा, “इस सब पर ध्यान मत दें. हम प्रभावित नहीं हैं. ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं.” हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने वकील को छोड़ दिया. मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है

सीजेआई की तरफ जूता फेंक कर क्या बोला वकील?

एक वकील के मुताबिक, जिस वकील ने हमला किया, उसने चीफ जस्टिस की ओर कोई वस्तु फेंकी. वह चीज लगभग जस्टिस विनोद चंद्रन को लगते-लगते बची. इसके बाद उस वकील ने जस्टिस चंद्रन से माफी मांगी और कहा कि उसका निशाना चीफ जस्टिस थे. तभी सुरक्षा कर्मियों ने उसे पकड़ लिया और अदालत से बाहर ले गए.

इस घटना के बाद वकीलों के संगठन ने चीफ जस्टिस पर हुए हमले की निंदा की है. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड (AoR) एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से इस घटना पर स्वतः संज्ञान लेने और उस वकील के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की है.

 

सीजेआई पर क्यों की गई जूता फेंकने की कोशिश?

घटना पर एक वकील ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि आज की जो घटना है, वह बहुत ही दुखद है. एक कोर्ट में, वो भी वकील ने अगर असॉल्ट करने का प्रयास किया है, तो हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. देखिए, हमारे बार के वो मेंबर हैं. अभी हमने जांच किया और पता चला कि वो 2011 के मेंबर हैं.”वकील ने अपने बयान में कहा, “यह बहुत ही दुखद घटना है. इसलिए हम कह सकते हैं कि जो पता चला है, वह लॉर्ड विष्णु के मैटर्स में आया कमेंट था, हॉनरेबल CJI के उसी पर ही उन्होंने ऐसा प्रयास (वकील ने जूता फेंकने का प्रयास) किया है. यह बहुत ही दुखद घटना है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और अगर यह घटना सच है, तो एक्शन होना चाहिए.”

 

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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