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एमपी में किसानों को बड़ी राहत, सीएम कल देंगे फसल का मुआवजा, सीधे बैंक खातों में आएगी राशि

एमपी में किसानों पर मौसम की जबर्दस्त मार पड़ी है। प्राकृतिक आपदाओं, ओलावृष्टि, अतिवृष्टि और कीड़े लगने के कारण प्रदेश की प्रमुख सोयाबीन की फसल कई जगहों पर पूरी तरह बर्बाद हो गई है। इससे किसानों को खासा नुकसान हुआ है। मंदसौर जिले में कई जगहों पर तो सोयाबीन की फसल पूरी तरह चौपट हो चुकी है। जहां थोड़ी बहुत हुई वहां भी कटाई की मजदूरी भारी पड़ रही है। जिन किसानों की सोयाबीन की फसल प्रभावित हुई है उन्हें राहत देने के लिए राज्य सरकार मुआवजा दे रही है। सीएम मोहन यादव कल जिले के किसानों को मुआवजा राशि का वितरण करेंगे। सीएम सोयाबीन की मुआवजा राशि सिंगल क्लिक से सीधे किसानों के बैंक खातों में डालेंगे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार 3 अक्टूबर को सीएम मोहन यादव का कार्यक्रम मंदसौर के एनआईसी कक्ष में आयोजित किया जाएगा। वे सुबह 11 बजे सिंगल क्लिक से किसानों के बैंक खातों में मुआवजा राशि हस्तांतरित करेंगे।

जिला प्रशासन कार्यक्रम की तैयारियोें को अंतिम रूप देने में जुटा है। सभी पात्र किसानों को राहत राशि के लिए तहसीलों में एसडीएम, तहसीलदार और पटवारी एक्टिव हैं। बिल बनाने के लिए कोषालय में विशेष टीम काम में लगी है।

8 बीघा में केवल 3 क्विंटल सोयाबीन हुई

मंदसौर और आसपास के इलाकों में सोयाबीन बुरी तरह प्रभावित हुई है। खासतौर पर मल्हारगढ़ इलाके में मानो तबाही सी मची है। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा बुधवार को चंगेरी, मोल्याखेड़ी, गुडभेली, पिपलीया विश्नया आदि गांवों में पहुंचे और किसानों से चर्चा की तो उनका दर्द छलक उठा।

गुडभेली के किसान अशोक पाटीदार ने बताया कि 8 बीघा में सोयाबीन बोवनी की थी। इसमें 50 हजार रुपए का खाद, बीज, कीटनाशक, निदाई, गुड़ाई 17 हजार 600 सोयाबीन की कटाई और 3600 रुपए मशीन से सोयाबीन निकालने में लग गए। मंडी में बेचने पर भाव के अनुसार सिर्फ 12 हजार रुपए ही मिलेंगे। इस तरह सोयाबीन में फायदा नहीं मिल रहा है और लागत भी नहीं निकल पा रही है।किसान बाबुखा मेवाती ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तब प्राकृतिक आपदा आने पर शिवराजसिंह ने कहा था कि अगर मेरी सरकार होती तो मैं मिट्टी भी खरीद लेता। किसानों को 40 हजार रुपए हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा देता। बाबुखा मेवाती ने कहा कि अब तो शिवराज सिंह चौहान केंद्र में कृषि मंत्री हैं, तो उन्हें क्या हो गया है! किसानों ने भावांतर योजना को गुमराह करने वाली योजना बताई है। उन्होंने बीमा की प्रीमियम राशि से लेकर मुआवजे की मांग की।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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