छत्तीसगढ़

विश्व रेबीज़ दिवस पर जनजागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

विश्व रेबीज़ दिवस पर जनजागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

कवर्धा,  सितम्बर 2025। विश्व रेबीज़ दिवस के अवसर पर स्व. श्रीमती सुधा देवी स्मृति नर्सिंग महाविद्यालय में जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा आकर्षक पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई तथा स्वास्थ्य विभाग एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों द्वारा रेबीज़ रोग से बचाव एवं रोकथाम पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डी.के. तुर्रे ने बताया कि रेबीज़ एक घातक वायरल संक्रमण है, जो संक्रमित कुत्ते, बिल्ली और बंदर जैसे जानवरों के काटने या चाटने से फैलता है। यह वायरस शरीर में प्रवेश कर नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क को प्रभावित करता है, जिसके कारण रोगी कोमा में जा सकता है अथवा मृत्यु भी हो सकती है। जिला नोडल अधिकारी (एन.आर.सी.पी.) डॉ. अनामिका पटेल ने कहा कि रेबीज़ से बचाव के लिए समय पर वैक्सीन लगवाना ही सबसे प्रभावी उपाय है। उन्होंने बताया कि लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, बेचैनी, अत्यधिक लार आना, पानी से डर लगना और लकवा शामिल हैं।
इस दौराने लोगों को जागरूक करते हुए बताया गया कि काटे गए स्थान को तुरंत बहते पानी से धोएं, 72 घंटे के भीतर डॉक्टर से संपर्क कर उपचार कराएं, घरेलू उपचार जैसे मिर्च या अन्य पदार्थ लगाने से बचें, समय पर एंटी रेबीज़ वैक्सीन लगवाएं। कार्यक्रम में छात्राओं ने पोस्टरों के माध्यम से लोगों को संदेश दिया कि “रेबीज़ से बचाव ही सुरक्षा है। स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों से अपील की कि किसी भी पशु के काटने या खरोंचने पर लापरवाही न करें और तत्काल चिकित्सीय सलाह लें।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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