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पिता IPS, मां IAS, भाई IAS …और अब खुद भी IPS … छत्तीसगढ़ के इस IAS-IPS परिवार की बिटिया ने गाड़ा कामयाबी का झंडा

पिता IPS, मां IAS, भाई IAS …और अब खुद भी IPS …छत्तीसगढ़ की अनुषा पिल्ले ने UPSC में 202वीं रैंक हासिल की है। पिछले साल के ट्रेंड को देखें, तो, अनुषा को IPS तो मिलना पक्का ही है। IPS रहे संजय पिल्ले और ACS रेणु पिल्लै की पुत्री अनुषा पिल्लै ने अपने दूसरे ही प्रयास में ये 202वीं रैंक हासिल की है। कमाल की बात ये है कि अनुषा अपने पहले प्रयास में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर सकी थी, लेकिन इस नाकामी से उन्होंने इस कदर खुद को मजबूत किया, कि वो दूसरे प्रयास में अपने सारे एग्जाम्स क्लियर करते हुए  202वीं रैंक हासिल कर ली।

सिविल सर्विस की विरासत अनुषा को अपने परिवार में ही मिली। पिता IPS और मां IAS तो थी ही, 2021 में उनके बड़े भाई अक्षय पिल्ले ने भी UPSC क्लियर किया। अक्षय को ऑल इंडिया रैंक 51 मिली थी। वो अभी ओडिशा कैडर के IAS हैं। 2021 में जब अनुषा के भाई का सेलेक्शन हुआ, उस साल अनुषा अपनी यूपीएससी की तैयारी में थी।

अनुषा कहती है कि मां-पिता के सिविल सर्विस में रहने से बचपन से ही उनके जेहन में सिविल सर्विस का चार्म तो था, लेकिन जब आप बड़े होते हैं, तो उस चार्म से आप क्या बदलाव ला सकते हैं, क्या कुछ बड़ा कर सकते हो, इसके बारे में सोचते हो, मेरे साथ भी वैसा ही हुआ। 10वीं-12वीं के दौरान मुझे लगने लगा कि IAS-IPS बनकर मैं समाज को मैं काफी कुछ कंट्रिब्यूट कर सकती हूं।

NIT से बीटेक किया है

अनुषा बचपन से ही काफी मेधावी रही है। वो बताती है कि 10वीं में उन्हें 96% नंबर मिले थे, हालांकि 12वीं में वो थोड़ा घट गया, उन्हें 93%अंक मिले। इसके बाद वो JEE की तैयारी की और फिर उनका सेलेक्शन NIT रायपुर में हो गया। रायपुर NIT से उन्होंने धातुकर्म (Metallurgy Engineer) में डिग्री हासिल की।

पहले प्रयास में प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं, दूसरे प्रयास में बनेगी IPS

अनुषा कहती है कि इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद उन्होंने एक साल तक तैयारी की। 2022 में उन्होंने पहला अटेम्प दिया, लेकिन दुर्भाग्य वो प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर सकी। इस नाकामी ने अनुषा को इतना मजबूत बनाया कि, वो हर बाधा को तोड़ती हुई चली गयी। अनुषा यहां अन्य अभ्यर्थियों को सलाह भी देती है, वो कहती है कि अभ्यर्थी यहां जल्दबाजी कर जाते हैं। मेरा मानना है कि ग्रेजुएशन के बाद तैयारी के लिए खुद को समय देना चाहिये। कम से कम एक से दो साल..लेकिन कई ऐसे अभ्यर्थी भी होते हैं, जो जल्दबाजी में बिना सिलेबस पूरा हुए ही एग्जाम देते हैं। मैंने हालांकि 1 साल दिया था, लेकिन फिर भी मेरा प्रीलिम्स नहीं हुआ। इसके बाद मैंने मेहनत की और देखिये आज रिजल्ट आपके सामने हैं।

सोशल मीडिया से रखा खुद को दूर

अनुषा बताती है कि वो स्कूल-कालेज में भी सोशल मीडिया से दूर रहती थी। उनका कोई इंस्टा-फेसबुक का एकाउंट नहीं है। शायद कामयाबी की ये एक वजह भी है, कि मैंने खुद को फोकस अपने लक्ष्य पर रखा। अनुषा बताती है कि 8-9 घंटे की रूटिन पढ़ाई करती थी, हालांकि एग्जाम टाइमिंग में उनका ये ड्यूरेशन बढ़ जाता था। ये पूछे जाने पर दूसरों को यूपीएससी में 7-8 साल का वक्त लग जाता है, ऐसा नहीं लगता कि आपको कामयाबी काफी जल्दी मिल गयी। अनुषा कहती है कि, ये बात सही है कि मुझे कामयाबी जल्दी मिली, लेकिन अगर मन में ठान ले, तो फिर कामयाबी मिल ही जाती है।

स्कूल में बैडमिंटन में नेशनल खेल चुकी है अनुषा

अनुषा पिल्ले को बैडमिंटन का बेहद शौक है। वो हर दिन कम से कम 1 घंटे बैडमिंटन खेलती है। अनुषा कहती है कि बैडमिंटन से मेरा फिटनेस भी होता है और मेरा शौक भी पूरा होता है। स्कूल में बैडमिंटन में वो स्टेट भी खेल चुकी है। हालांकि इंजीनियरिंग के बाद वो स्टडी पर फोकस हो गयी।

अनुषा ने खुद से तैयारी कर हासिल की कामयाबी

UPSC के लिए लोग कहां-कहां जाकर तैयारी नहीं करते हैं, लेकिन अनुषा ने खुद अपने दम पर कामयाबी हासिल की। उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस जरूर ली, लेकिन बाकी की पूरी तैयारी सेल्फ स्टडी से की। अनुषा कहती है कि उन्होंने रायपुर में रहते हुए ही पूरी तैयारी की और कामयाबी हासिल की, मुझे इसकी काफी खुशी है।

अनुषा IPS से खुश, लेकिन बेहतर रैंक के लिए करेगी प्रयास

अनुषा कहती है कि वो यूं तो IPS से खुश हैं, लेकिन फिर भी वो आगे प्रयास करेगी, कि उनका रैंक बेहतर हो। ये पूछे जाने पर पापा की वर्दी ज्यादा प्रभावित करती है या फिर मां का एडमिनिस्ट्रेटिव वर्क…हंसते हुए अनुषा कहती है, दोनों…..हालांकि वो जरूर कहती है कि वर्दी का अलग क्रेज है, उससे प्रभावित हुए बिना कोई नहीं रह सकता। अनुषा ने होम कैडर का प्रीफ्रिरेंस में रखा है, लेकिन वो ये जरूर कहती है कि देखना होगा उन्हें कैडर क्या मिलता है। अगर होम कैडर मिल गया तो काफी अच्छा रहेगा।आखिर इंटरव्यू को लेकर अभ्यर्थी के मन में इतना खौफ क्यों होता है। अनुषा कहती है कि खौफ जैसी बात नहीं है, आपको बस खुद पर आत्मविश्वास बनाये रखना आना चाहिये। आप पैनल के सवाल को टू द प्वाइंट जवाब दीजिये। अपनी बातों को अच्छे से रखने की कला आनी चाहिये। ये पूछे जाने पर आपकी कुछ इंटरव्यू से जुड़ी यादें हो आपकी तो हमारे लिए बतायें… जवाब में अनुषा बोलती है कि उन्हें छत्तीसगढ़ से रिलेटेड ज्यादा सवाल पूछा गया था। छत्तीसगढ़ में ट्राइबल, प्रोवर्टी के अलावे मेरे इंजीनियिंग के सबजेक्ट से जुड़े कुछ सवाल थे। भिलाई स्टील प्लांट और नगरनार के बारे में पूछा गया।  हॉबी में मैने बुक के बारे में लिखा था, तो मुझे किताबों के बारे में पूछा। कुल मिलाकर पैनल काफी सपोर्टिंव था और मैंने अच्छे से सभी का जवाब भी दिया।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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