वैदिक ज्योतिष में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पितरों को समर्पित होता है। साथ ही हर हाल 15 दिनों के लिए पितृ पक्ष आता है। वहीं इन दिनों में कुछ विशेष तिथियां भी पड़ती हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं मातृ नवमी के बारे में, इस दिन उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु किसी भी महीने की नवमी तिथि को हुई हो। साथ ही यह दिन विशेष रूप से उन माताओं, बहनों और बेटियों को समर्पित होता है जिनका निधन पति के जीवित रहते हो गया हो या जिनकी पुण्यतिथि का ज्ञान न हो। मान्यता है इस तिथि पर श्राद्ध करने से परिवार की मृतक महिला सदस्यों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही वंश वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहा है। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं तिथि और तर्पण करने का शुभ मुहूर्त…
मातृ नवमी तिथि 2025
नवमी तिथि प्रारम्भ – सितम्बर 15, 2025 को 03:06 AM बजे नवमी तिथि आरंभ
समाप्त – सितम्बर 16, 2025 को 01:31 AM बजे समाप्त
रौहिण मूहूर्त- दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से 01 बजकर 31 मिनट तक
अपराह्न काल- दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 58 मिनट तक
मातृ नवमी का महत्व
मातृ नवमी का श्राद्ध करने से दिवंगत मातृ पितरों की आत्मा को तृप्ति और शांति मिलती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया तर्पण परिवार में सुख-समृद्धि लाता है। वहीं किसी भी श्राद्ध पूजन में तुलसी का विशेष महत्त्व है। इसीलिए मातृ नवमी के दिन तुलसी पूजन अवश्य करना चाहिए। गाय, कुत्ता, मछली, चींटी, और कौवे को भोजन और जल दें, क्योंकि माना जाता है कि इससे पितरों को भोजन मिलता है और उनकी आत्मा शांति पाती है।