शिक्षक दिवस पर बच्चों ने जताया आभार, शिक्षिका ने कराया सभी को भोजन…..
सांकरा, जोंक, विद्यालय केवल ज्ञान का मंदिर नहीं, बल्कि संस्कारों का पवित्र आश्रय भी है। इसी का जीवंत उदाहरण 5 सितम्बर – शिक्षक दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सावित्रीपुर में उस समय देखने को मिला, जब बच्चों ने अपने प्रिय शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और वातावरण श्रद्धा, स्नेह तथा उत्सव की सुगंध से भर उठा।
कार्यक्रम के आरम्भ में नन्हे-मुन्ने विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुतियों, कविताओं और भावभरे शब्दों से अपने गुरुओं का अभिनंदन किया। हर चेहरे पर उल्लास था और हर निगाह में गुरुजनों के प्रति आदर।
इस अवसर को और विशेष बना दिया विद्यालय की एक आदरणीया शिक्षिका पद्मावती नाग मैडम ने। संयोगवश उसी दिन उनके सुपुत्र अंश का जन्मदिवस भी था। मातृत्व और कर्तव्य का सुंदर संगम दिखाते हुए उन्होंने संपूर्ण विद्यालय परिवार—बच्चों और शिक्षकों—के लिए स्नेहपूर्वक भोजन की व्यवस्था कराई। स्वादिष्ट व्यंजनों से सजी थालियों में केवल भोजन ही नहीं, बल्कि उनका आत्मीय भाव भी परोसा गया।
बच्चों की खिलखिलाती हंसी और शिक्षकों की संतुष्टि ने उस क्षण को अविस्मरणीय बना दिया। विद्यालय परिवार ने इस उदार पहल के लिए पद्मावती नाग मैडम को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया तथा उनके पुत्र के मंगलमय भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
निस्संदेह, यह दिन केवल शिक्षक दिवस नहीं रहा, बल्कि गुरु और शिष्य के पवित्र बंधन को और गहराई से जोड़ देने वाला एक स्मरणीय पर्व बन गया।