आदि कर्मयोगी अभियान के तहत तीन दिवसीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ
प्रत्येक चयनित ग्राम में आदि सेवा केंद्रों की स्थापना से होगी योजनाओं की पहुँच आसान
सांसद श्री संतोष पाण्डेय एवं पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का किया शुभारंभ
कवर्धा, सितंबर 2025। अनुसूचित जनजातियों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के उद्देश्य से केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित योजनाओं का अधिकतम लाभ जनजातीय परिवारों तक पहुँचाने के लिए आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत तीन दिवसीय ब्लॉक स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज महाराजपुर स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद श्री संतोष पाण्डेय एवं पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और योजनाओं का लाभ घर-घर तक पहुँचाने में मास्टर ट्रेनर्स की अहम भूमिका होगी। इस दौरान कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री कैलाश चंद्रवंशी, जिला पंचायत सीईओ श्री अजय कुमार त्रिपाठी, सहायक आयुक्त श्री एलपी पटेल सहित जनप्रतिनिधि, ट्रेनर्स उपस्थित थे।
सांसद श्री संतोष पाण्डेय ने कहा कि “आदि” शब्द का अर्थ आदिवासी है और यह शब्द हमें आदिकाल की ओर ले जाता है। इसी भावना के साथ पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जनजातीय समुदाय के सर्वांगीण उत्थान के लिए स्वतंत्र मंत्रालय की घोषणा की थी, जो एक ऐतिहासिक योगदान था। उन्होंने कहा कि इस देश में महात्मा गांधी, डॉ. लोहिया और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने सदैव गरीबों को केंद्र में रखकर अंत्योदय की अवधारणा पर कार्य किया। आज मास्टर ट्रेनर्स उसी विचार को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे। उनके माध्यम से योजनाओं का लाभ घर-घर तक पहुँचेगा और समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव होगा। सांसद श्री पाण्डेय ने कहा कि सरकार ने इस अभियान में 17 विभागों को जोड़ा है, ताकि लंबे समय से उपेक्षित समाज तक योजनाएँ पहुँच सकें। उन्होंने जनजातीय नायकों का स्मरण करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा, जिन्हें धरती आबा अर्थात धरती का भगवान कहा जाता है, ने अपने अल्प जीवन में समाज में अद्भुत परिवर्तन लाया। इसी तरह वीर नारायण सिंह और सुरेन्द्र साय जैसे अनेक सेनानियों ने आदिवासी समाज के हक और सम्मान के लिए संघर्ष किया। इन विभूतियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना हम सबका कर्तव्य है।
विधायक श्रीमती भावना बोहरा ने कहा कि मास्टर ट्रेनर्स ग्राम स्तर पर फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे और उन्हें तैयार करेंगे। उनके प्रयासों से योजनाओं की जानकारी सीधे जन-जन तक पहुँचेगी। उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी नाम आदिवासी समाज की उस जीवनशैली और दर्शन को दर्शाता है, जो सदियों से जल, जंगल और जमीन को जीवन का आधार मानकर चलता आया है। उन्होंने कहा कि आज सरकार की मंशा स्पष्ट है कि वह उस समुदाय को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है, जो अब तक अछूता और उपेक्षित रहा है। यह अभियान सरकार और समाज के बीच सेतु का कार्य करेगा। मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका केवल योजनाओं की जानकारी देना ही नहीं, बल्कि समाज को जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम होगी। श्रीमती बोहरा ने कहा कि “आदि कर्मयोगी अभियान” दूरदर्शिता के साथ तैयार की गई योजना है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण, आजीविका, कौशल विकास, कृषि और सामाजिक सुरक्षा जैसे सात विभागों को शामिल किया गया है। इन विभागों के समन्वित प्रयासों से निश्चित रूप से सरकार की योजनाएँ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचेंगी और जनजातीय समाज विकास की मुख्यधारा से जुड़ पाएगा।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अनुसूचित जनजातियों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के उद्देश्य से भारत सरकार, जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 10 जुलाई 2025 को आदि कर्मयोगी अभियान का शुभारंभ किया गया है। आदि कर्मयोगी अभियान के तहत सेवा पर्व और आदि कर्मयोगी सेवा अभियान का आयोजन 17 सितम्बर से 02 अक्टूबर 2025 तक किया जाएगा। यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 02 अक्टूबर 2024 को शुरू किए गए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का ही अगला चरण है। इसकी परिकल्पना विश्व के सबसे बड़े जनजातीय नेतृत्व आंदोलन के रूप में की गई है, जो बहु-विभागीय समन्वय और सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है। उन्होंने बताया कि इसमें 17 मंत्रालयों की 25 गतिविधियां सम्मिलित है। जिसमें कबीरधाम जिले 275 ग्राम सम्मिलित है। विकासखंड बोड़ला के 226, पंडरिया 41, स.लोहारा 07 एवं कवर्धा के 01 ग्राम सम्मिलित है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य समुदाय और सरकार के सहायोग से ग्राम विजन योजना-2030 का सह निर्माण, समावेशी, जनजातीय ज्ञान, और स्थानीय आकांक्षाओं पर आधारित है। आदि कर्मयोगी के तहत कुल 07 लाईन विभाग सम्मिलित है।
बैठक में आदिमजति विकास सहायक आयुक्त श्री एलपी पटेल ने बताया कि कबीरधाम जिले के चार विकासखंडों के सात विभागों से चयनित कुल 28 मास्टर ट्रेनर्स इस प्रशिक्षण में भाग ले रहे हैं। इन्हें राज्य स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर आए मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद ये मास्टर ट्रेनर्स अपने-अपने ब्लॉकों में जाकर ग्राम स्तर पर कैडर फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे और उन्हें तैयार करेंगे। ये सभी आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में विभिन्न योजनाओं धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान योजना, पीएमजनमन योजना, मूलभूत सुविधाएं जैसे-आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार आदि के क्रियान्वयन, उपलब्धता एवं संतृप्तिकरण तथा भविष्य में आदिवासी ग्रामों के विकास हेतु ग्रामस्तर पर योजना तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। इसके माध्यम से योजनाओं की जानकारी घर-घर तक प्रभावी रूप से पहुँचाई जाएगी। इसके तहत प्रत्येक चयनित ग्राम में “आदि सेवा केंद्र” की स्थापना होगी, जिसके माध्यम से शासकीय सेवाओं की प्रदायगी और जनसुनवाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। प्रत्येक ग्राम में न्यूनतम 20 वालंटियर कैडर तैयार कर उन्हें ग्राम सभा की बैठकों में भी शामिल किया जाएगा।
समाचार क्रमांक-936/गुलाब डड़सेना-निखिलेश कुमार फ़ोटो/15-17