छत्तीसगढ़

जूनियर रेडक्रॉस के बच्चों ने सीखा फर्स्ट एड, सीपीआर प्रशिक्षण से बनी जीवन बचाने की समझ

जूनियर रेडक्रॉस के बच्चों ने सीखा फर्स्ट एड, सीपीआर प्रशिक्षण से बनी जीवन बचाने की समझ

कवर्धा, अगस्त 2025। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देशानुसार कवर्धा जिले में स्कूली विद्यार्थियों को आपातकालीन चिकित्सा सहायता देने में सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से जिले के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में प्राथमिक उपचार (फर्स्ट एड) और सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में पीएमश्री सेजस विद्यालय बोड़ला और स्वामी करपात्रीजी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कवर्धा में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया, जिसमें 200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं रेडक्रॉस सचिव डॉ. डी.के. तुर्रे तथा जिला शिक्षा अधिकारी एफ.आर. वर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। मास्टर ट्रेनर डॉ. पुरुषोत्तम राजपूत, डॉ. हर्षित टुवानी, जिला समन्वयक बालाराम साहू एवं रेडक्रॉस सोसायटी की वाइस चेयरपर्सन जीवन कौशिक ने बच्चों को अत्यंत व्यावहारिक और सरल तरीके से आपातकालीन स्थितियों में दी जाने वाली प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी दी।
प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को बताया गया कि बदलती जीवनशैली, अनुशासनहीन दिनचर्या, असंतुलित खानपान और मानसिक तनाव के चलते हृदयाघात के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में अधिकतर पीड़ितों की मृत्यु अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो जाती है क्योंकि समय पर सीपीआर नहीं मिल पाता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बच्चों को सीपीआर की प्रक्रिया, जैसे पीड़ित को सुरक्षित स्थान पर लाना, वायुमार्ग, सांस और पल्स की पहचान कर उचित समय पर सीपीआर देना – डमी मॉडल के माध्यम से विस्तारपूर्वक सिखाया गया। उन्हें यह भी बताया गया कि सीपीआर कब देना चाहिए और किन परिस्थितियों में नहीं देना चाहिए।
इसके अलावा रक्तस्राव, फ्रैक्चर, जलने, गले में कुछ फंस जाने, पानी में डूबने, सांप या कुत्ते के काटने जैसी आपातकालीन स्थितियों में प्राथमिक उपचार के तरीके समझाए गए। प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि इन हालातों में प्राथमिक उपचार देने के बाद कैसे त्वरित रूप से ‘112’ आपातकालीन नंबर पर संपर्क कर मरीज को अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है।
यह प्रशिक्षण बच्चों में न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी पैदा कर रहा है कि वे किसी जरूरतमंद की सही समय पर मदद कर सकते हैं। साथ ही वे इस ज्ञान को अपने परिवार और समुदाय में भी साझा कर सकते हैं, जिससे सामाजिक स्तर पर जागरूकता का विस्तार होगा।
इस अवसर पर बोड़ला विद्यालय के प्राचार्य श्री अश्वनी कुमार सोनी, श्री डी.एस. जोशी, स्वामी करपात्री विद्यालय से श्री विवेक श्रीवास्तव, श्री एस.के. दुबे, श्री जे.के. सिंह, श्रीमती परमजीत कौर, श्री व्ही आर साहू, श्रीमती सरिता चंद्रवंशी, श्री जलेश वर्मा, श्रीमती आस्था तिवारी, श्रीमती चेष्टा पांडेय सहित विद्यालयों के विद्यार्थी उपस्थित थे।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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