जिले में वनभूमियों के चिन्हांकन और अभिलेख अद्यतन की कार्यवाही तेज, 30 सितम्बर तक जियो-रेफरेंस फॉरेस्ट मैप तैयार करने का लक्ष्य
कवर्धा, जुलाई 2025। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा के निर्देशानुसार वनभूमियों के चिन्हांकन और राजस्व अभिलेखों के अद्यतन की प्रक्रिया को गति देने के लिए आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई। बैठक में डिप्टी कलेक्टर श्री बी. आर. देवांगन ने राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
डिप्टी कलेक्टर श्री देवांगन ने कहा कि राज्य शासन एवं मुख्य सचिव के निर्देशानुसार जिले में वनभूमियों का संयुक्त रूप से सर्वेक्षण कर उन्हें स्पष्ट रूप से चिह्नित करने तथा अभिलेखीय रूप में दर्ज करने की प्रक्रिया को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूर्ण करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि यह कार्य जिला कलेक्टर एवं वनमण्डलाधिकारी के अधीक्षण में किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रपत्र-1 तैयार किया जाएगा, वहीं अधीनस्थ राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी प्रपत्र-2 एवं 3 की संयुक्त रूप से तैयारी करेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि तैयार किए गए इन प्रपत्रों को ’भुइयाँ सॉफ्टवेयर’ एवं भू-नक्शों में समुचित रूप से अद्यतन किया जाएगा। इसके पश्चात सभी अद्यतन आंकड़ों के आधार पर जियो-रेफरेंस फॉरेस्ट मैप तैयार किया जाएगा, जिसकी अंतिम समय-सीमा 30 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है।
डिप्टी कलेक्टर श्री देवांगन ने अब तक की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि जिले के कुल 357 ग्रामों में से 217 ग्रामों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। इस सर्वेक्षण के अंतर्गत कुल 3300 खसरों में 1934 खसरा नंबरों की सर्वे कर ली गई है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल लगभग 25 हजार राजस्व वन क्षेत्र में से 11847.54 रकबा का सर्वेक्षण कार्य पूरा किया जा चुका है। डिप्टी कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आपसी समन्वय और सहयोग के साथ कार्य करें, ताकि तय समय-सीमा के भीतर गुणवत्ता पूर्ण एवं सटीक अभिलेख अद्यतन एवं मानचित्र निर्माण का कार्य पूर्ण हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया के सफल क्रियान्वयन से भूमि विवादों में कमी आएगी तथा शासन की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में भी पारदर्शिता आएगी। बैठक में जिले के वन परिक्षेत्र अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, भू अभिलेख अधीक्षक एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।