इंदौर मेट्रो के शुभारंभ की तैयारियां कई महीनों से जोर-शोर से चल रही थीं। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के तहत येलो लाइन पर पांच स्टेशनों के नाम स्थानीय लैंडमार्क के आधार पर तय किए थे। इन स्टेशनों के नाम बोर्डों पर अंकित कर दिए गए थे, ट्रेनों के अंदर डिस्प्ले तैयार हो चुके थे, और अनाउंसमेंट सिस्टम भी इन नामों के साथ पूरी तरह से अपडेट था। लेकिन नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस बात पर अडिग रुख अपनाया कि मेट्रो स्टेशनों के नाम वीरांगनाओं और ऐतिहासिक शख्सियतों के नाम पर होने चाहिए, ताकि इंदौर की मेट्रो परियोजना न केवल आधुनिकता का प्रतीक बने, बल्कि देश की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी सम्मान दे।विजयवर्गीय ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि स्टेशनों के नाम वीरांगनाओं जैसे झलकारी बाई, रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, और मां अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर रखे जाएंगे। इसके अलावा, एक स्टेशन का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम पर रखने की बात कही गई थी, जो महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी साहसिकता को दर्शाता है। उनकी इस मांग के बाद मेट्रो प्रशासन ने रातों-रात सभी पांच स्टेशनों के नाम बदलने का निर्णय लिया।
रातों-रात बदले गए स्टेशनों के नाम
सूत्रों के अनुसार, मेट्रो प्रशासन ने शुक्रवार देर रात तक सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया था। लेकिन कैलाश विजयवर्गीय के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से स्टेशनों के नाम बदलने का कार्य शुरू हुआ। निम्नलिखित स्टेशनों के नाम अब इस प्रकार हैं:
- गांधी नगर स्टेशन – अब मां अहिल्याबाई मेट्रो स्टेशन
- सुपर कॉरिडोर स्टेशन – अब रानी अवंतिका मेट्रो स्टेशन
- विजय नगर स्टेशन – अब रानी दुर्गावती मेट्रो स्टेशन
- राधा स्वामी स्टेशन – अब झलकारी बाई मेट्रो स्टेशन
- खजराना स्टेशन – अब ऑपरेशन सिंदूर मेट्रो स्टेशनइन नए नामों को स्टेशन बोर्डों पर रातों-रात अपडेट किया गया। मेट्रो ट्रेनों के अंदर लगे डिस्प्ले बोर्डों पर भी पुराने नामों को हटाकर नए नाम लिखे गए। इस बदलाव की वजह से अनाउंसमेंट सिस्टम, जो पहले पुराने नामों के साथ प्रोग्राम किया गया था, को शुभारंभ के दिन बंद रखने का निर्णय लिया गया। मेट्रो प्रशासन ने बताया कि अनाउंसमेंट सिस्टम को नए नामों के साथ जल्द ही अपडेट किया जाएगा।नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस बदलाव को इंदौर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “इंदौर मेट्रो न केवल शहर की आधुनिकता का प्रतीक है, बल्कि यह हमारी वीरांगनाओं और ऐतिहासिक शख्सियतों के सम्मान का भी माध्यम बनेगी। मां अहिल्याबाई होल्कर, रानी दुर्गावती, झलकारी बाई और रानी अवंतिका जैसी वीरांगनाओं ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके नाम पर स्टेशनों का नामकरण हमारी नई पीढ़ी को उनके बलिदान और साहस की कहानियां बताएगा।”
विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ स्टेशन का नाम महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी अटूट शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बदलाव केवल नामों का नहीं, बल्कि शहर की सोच और संस्कृति को नई दिशा देने का प्रयास है।
Kailash Vijayvargiya: मेट्रो प्रशासन की चुनौतियां
रातों-रात नाम बदलने का निर्णय मेट्रो प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती था। मेट्रो के शुभारंभ से ठीक पहले इस तरह के बदलाव ने तकनीकी और प्रशासनिक स्तर पर कई मुश्किलें खड़ी कीं। स्टेशन बोर्डों को बदलने, ट्रेनों के डिस्प्ले को अपडेट करने और अनाउंसमेंट सिस्टम को बंद करने जैसे कार्यों को रातों-रात पूरा करना पड़ा। एक वरिष्ठ मेट्रो अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमें रात 10 बजे के बाद निर्देश मिले कि सभी स्टेशनों के नाम तत्काल प्रभाव से बदलने हैं। हमारी पूरी टीम रातभर काम करती रही ताकि शुभारंभ के लिए कोई कमी न रहे।”
शुभारंभ में महिलाओं की विशेष भागीदारी
इंदौर मेट्रो के शुभारंभ को और भी खास बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि उद्घाटन के दिन शहर की महिलाएं मेट्रो में मुफ्त सफर करेंगी। इसके साथ ही, शुभारंभ समारोह में सभी महिलाओं से भगवा रंग की वेशभूषा में शामिल होने का आह्वान किया गया है, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का प्रतीक है। मेट्रो प्रशासन ने बताया कि 7 जून तक महिलाओं के लिए मेट्रो में मुफ्त यात्रा की सुविधा उपलब्ध रहेगी।