प्रतापगढ़ से हनीमून मनाने सिक्किम गया एक जोड़ा लापता हो गया। सिक्किम के मंगन जिले में पर्यटकों को ले जा रही टूरिस्ट गाड़ी बारिश के बीच बेकाबू हो गई। गाड़ी पहाड़ी से पलटी खाते हुए एक हजार फीट गहरी खाई में तीस्ता नदी में गिरी।
हादसे में एक व्यक्ति की जान चली गई, दो घायल हो गए। आठ लोग लापता है। इसमें प्रतापगढ़ के नवदंपती भी शामिल हैं। घटना की जानकारी होते ही परिजनों में हड़कंप मच गया। दोनों परिवारों में रोना पिटना मच गया है।
यह हादसा 29 मई को हुआ। पिता समेत 6 परिवारीजन सिक्किम पहुंचे हैं। पुलिस और सेना के जवान राहत-बचाव कार्य में जुटे हैं, लेकिन अभी तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिल सका है। महज 25 दिन पहले दोनों की शादी हुई थी।
हादसे की जगह की 3 तस्वीर देखें…
अब जाने पूरा घटनाक्रम.. प्रतापगढ़ में सांगीपुर थाना क्षेत्र के राहाटीकर गांव निवासी शेर बहादुर सिंह के बेटे कौशलेंद्र प्रताप सिंह (29) की शादी 5 मई को अंकिता (26) के साथ हुई थी। अंकिता पट्टी कोतवाली के धनगढ़ सराय छिवलहा गांव की रहने वाली हैं।
9 मई को अंकिता विदा होकर अपने ससुराल आई। 24 मई को अंकिता और कौशलेंद्र हनीमून मनाने सिक्किम चले गए। अगले दिन उत्तर सिक्किम के मंगन जिले के चुंगथांग इलाके में घूमने पहुंचे। 29 मई की रात गंगटोक लौट रहे थे। गाड़ी में ड्राइवर और 10 पर्यटक बैठे थे।
रात लगभग 9 बजे भारी बारिश हो रही थी। तभी सैलानियों से भरा वाहन बेकाबू होकर करीब 1000 फीट नीचे तीस्ता नदी में जा गिरा। स्थानीय लोगों ने देखते ही पुलिस को सूचना दी। मौके पहुंची पुलिस ने तीन लोगों का रेस्क्यू किया। लेकिन एक की मौके पर मौत हो चुकी थी।अंकिता लखनऊ मेदांता में कार्यरत, कौशलेंद्र सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे घायल दोनों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। अंकिता और कौशलेंद्र सहित 8 लोग लापता हैं। जिनका सेना और रेस्क्यू टीम तलाश कर रही है। परिजनों ने बताया, अंकिता लखनऊ के मेदांता अस्पताल में मेडिसिन स्टोर की हेड हैं। डेढ़ साल से मेदांता में काम कर रही हैं। 6 महीने से पहले उन्हें ICU डिपार्टमेंट की देखरेख करने की भी जिम्मेदारी दी गई थी। कौशलेंद्र दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे थे।
परिवारों में पसरा मातम हादसे की खबर सुनते ही दोनों परिवारों में कोहराम मच गया है। कौशलेंद्र अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। अंकिता के पिता विजय सिंह ने बताया, 23 मई को बेटी की विदाई दोबारा तय हुई थी, लेकिन हनीमून का वेटिंग टिकट 22 मई को कंफर्म हो गया।
इस पर कौशलेंद्र के पिता ने मुझसे कहा कि पहले बच्चों को घूम कर आने दो, फिर विदाई करा लेंगे। हमें क्या पता था कि इतना बड़ा हादसा हो जाएगा। दोनों परिवार के लोग बच्चों को लेकर परेशान हैं। अभी तक बच्चों का कुछ पता नहीं चला है।मां बोलीं- हादसे पहले हुई थी बात, बेटे-बहू काफी खुश थे कौशलेंद्र की मां बेबी सिंह का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा, गुरुवार, 29 तारीख की सुबह 11 बजे बात हुई थी। बेटा-बहू दोनों खुश थे। इसके बाद वे खामोश हो गईं। आंखें भीगी थीं, लेकिन शब्द नहीं निकले।
बुआ बोलीं- हर पल दर्द और उम्मीद के बीच गुजर रहा बुआ आशा सिंह ने कहा, हादसे वाले दिन मेरी भतीजे कौशलेंद्र से बात हुई थी। उसने बताया था कि वो सिक्किम में है, मौसम थोड़ा खराब है, लेकिन सब ठीक है। बहू भी पास में ही थी। दोनों की आवाज़ में कोई घबराहट नहीं थी। मैंने कहा ‘खुश रहो बेटा, आराम से घूमो और सुरक्षित लौट आओ।’ लेकिन, उसके बाद से कोई खबर नहीं आई।
अब घर पर सबकी सांस अटकी हुई है। हर तरफ से अलग-अलग बातें सुनने को मिल रही हैं। कोई कह रहा है कि ऊपर 700 लोग फंसे हुए हैं, शायद उन्हीं में हो। कोई कहता है कि एक कपल हादसे से पहले गाड़ी से उतर गया था। हम उम्मीद करते हैं, शायद वो हमारा बेटा और बहू ही हों।
बेटे की तलाश में खुद मेरे भाई यानी कौशलेंद्र के पिता समेत हमारे परिवार के 6 लोग सिक्किम जा चुके हैं। वहां सेना, पुलिस और स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क कर रहे हैं। लेकिन अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। हम सरकार से, प्रशासन से, सेना से सिर्फ यही गुहार कर रहे हैं कि तलाश तेज हो। क्योंकि जब तक हमारा बेटा सामने नहीं आता, हम न यकीन कर पा रहे हैं, न सुकून से बैठ पा रहे हैं। हर हर पल, सिर्फ दर्द और उम्मीद के बीच गुजर रहा है।
पिता ने कहा- अभी हमारे बेटे का सामान तक नहीं मिला पिता शेर बहादुर सिंह ने बताया, हम 6 लोग सिक्किम पहुंच चुके हैं। प्रशासन ने अब तक जो सामान बरामद किया है, उसमें 10 मोबाइल और कुछ अन्य चीजें शामिल हैं, लेकिन इनमें से कोई भी समान बेटे का नहीं है।
वहीं, अंकिता की मां शीला सिंह ने बताया, 29 मई की सुबह 8:02 बजे बेटी से अंतिम बार बात हुई थी। अंकिता ने बताया था कि वे लोग अब गाड़ी से घूमने के लिए निकल रहे हैं। उनके साथ दो ट्रैवलर गाड़ियां हैं। उनकी गाड़ी दूसरी गाड़ी के पीछे चल रही है। इसके बाद से परिजनों का अंकिता से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। सरकार से अपील है कि मेरे बच्चों को जल्द से जल्द सुरक्षित घर लाया जाए।
बता दें कि अंकिता के परिवार में माता-पिता के साथ दो बहनें और एक छोटा भाई है। अंकिता की बड़ी बहन एकता सिंह की शादी हो चुकी है। वह मुंबई में रहती हैं। छोटा भाई वाहन शोरूम का कारोबार करता है। पिता डब्बू सिंह बिल्डिंग मटेरियल का व्यवसाय करते हैं, जबकि मां शीला सिंह गृहिणी हैं।
परिवार के लोग लगातार संपर्क करने की कोशिश में जुटे हैं और प्रशासन से जल्द कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
राहत-बचाव का काम जारी सिक्किम पुलिस और सेना की टीमें लगातार लापता लोगों की तलाश कर रही हैं। नदी में बहाव तेज होने के कारण बचाव कार्य में कठिनाइयां आ रही है। परिजन लगातार प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से संपर्क में हैं और अपने प्रियजनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं
रेस्क्यू वॉलंटियर, सिक्किम टूरिज्म डिपार्टमेंट के आनंद गुरुंग ने बताया, लैंडस्लाइड की वजह से रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है। अब तक नहीं खुल पाया है। हमारी रेस्क्यू टीम पहले से मौके पर लगी हुई है। लगातार प्रयास कर रही है। हम लोग बैकअप टीम के रूप में पहुंचे हैं।
लेकिन रास्ता बंद होने के कारण ऊपर तक नहीं पहुंच सके हैं। आधी टीम नीचे है और आधी ऊपर है। रास्ता बंद होने के कारण पूरा समान ऊपर तक नहीं पहुंच पाया है। रेस्क्यू में काफी दिक्कतें आ रही हैं। रास्ता खोलने में अभी समय लगेगा, क्योंकि इलाके में भारी भूस्खलन हो रहा है। जैसे ही रास्ता साफ होगा, हम भी ऊपर की ओर बढ़ेंगे और राहत कार्य में जुटेंगे।
एसपी बोले- टीम लापता लोगों को खोजने कोशिश कर रही है एसपी सोनम डेचू भूटिया ने बताया, चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति के बावजूद राहत कार्य जारी है। पर्यटक घटना के बाद लापता हो गए। 29 मई की रात में ही दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया। शेष 9 लोगों की तलाश के लिए ITBP, SDRF और NDRF की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।
जो गाड़ी नदी में गिरी थी, वह मलबे में फंसी हुई है, उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। हमें उसके पास कोई शव भी नहीं मिला। तीस्ता नदी का जलस्तर 4 मीटर तक बढ़ गया है। कई स्थानों पर सड़कें टूटी हुई हैं। डिप्टी कमिश्नर मौके पर मौजूद हैं। एसडीएम और एसडीपीओ को निर्देश दिए गए हैं कि खोज अभियान लगातार जारी रखें। हादसे की जगह 7-8 किलोमीटर की सड़कें पूरी तरह से बंद हैं। मौके पर मौजूद टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं।
घटना की खबर सुनते ही सिक्किम वन एवं पर्यावरण मंत्री पिंटसो नमग्याल लेप्चा मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा, फिलहाल मौसम को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता। लेकिन कल से ही जिला प्रशासन, पुलिस और रेस्क्यू टीमें मिलकर लगातार राहत कार्य में जुटी हैं।
हादसे में 8 अब भी लापता हैं। प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार, लापता लोगों में से 6 ओडिशा और 2 लालगंज, प्रतापगढ़ जिले के निवासी हैं। दुर्घटना के दिन वाहन सीधे तीस्ता नदी में गिर गया था।
मौसम की स्थिति बिगड़ने पर राहत कार्य और मुश्किल हो सकता है, क्योंकि बारिश होने पर जलस्तर और बढ़ सकता है। यह इलाका भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र है, और यहां अक्सर इस तरह की चुनौतियां बनी रहती हैं। सिक्किम की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए, दो-तीन महीने तक ऐसी स्थिति बनी रह सकती है।