बहराइच: बहराइच में स्थित प्रसिद्ध संघारन मंदिर, जहां काली माँ विराजमान हैं, वहां के पुजारी ओम प्रकाश तिवारी ने पिछले 32 सालों से अन्न का एक भी दाना नहीं खाया है. यह सुनकर आपको आश्चर्य हो सकता है, लेकिन यह कोई अफवाह नहीं, बल्कि सच्चाई है.
मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि 1990 में मंदिर के गुरु जी के निधन के बाद मंदिर की समस्त जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई. गुरु जी के नक्शे कदम पर चलते हुए, ओम प्रकाश तिवारी ने अन्न का त्याग किया. उन्होंने बताया कि गुरु जी ने उन्हें नाभिया और जिभिया दोनों पर नियंत्रण रखने की सलाह दी थी, जिसके चलते उन्होंने अन्न का सेवन छोड़ दिया
गौ मूत्र का सेवन
पुजारी ओम प्रकाश तिवारी ने बताया कि वे प्रतिदिन गौ मूत्र का सेवन भी अपने गुरु जी की आज्ञा स्वरूप करते आ रहे हैं. यह मूत्र गाय के बछड़े का होता है.
मंदिर की कहानी
यह घटना 1970 की है जब सीता द्वार के महंत बहराइच आए और संघारन मंदिर को अपना स्थान बना लिया. वहीं पर उनकी मुलाकात ओम प्रकाश तिवारी से हुई. संघारन मंदिर में रहकर महंत जी ने ओम प्रकाश तिवारी को सेवा भाव सिखाया. महंत जी के निधन के बाद से ओम प्रकाश तिवारी उन्हीं के बताए हुए रास्ते पर चल रहे हैं.
काले वस्त्र के पीछे राज
पुजारी बताते हैं कि वे प्रतिदिन काला वस्त्र और काला टीका धारण करते हैं. यह मंदिर बहराइच शहर के डिगिहा तिराहे के पास स्थित है. काले वस्त्र और टीके के पीछे की कहानी भी पुजारी ओम प्रकाश तिवारी के अनुशासन और समर्पण को दर्शाती है.
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