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Gustakhi Maaf: अजब प्रेम की गजब दास्तां

-दीपक रंजन दास
आम तौर पर यह माना जाता है कि युवतियां उम्र में अपने से बड़े और भरोसेमंद युवक या मर्द की तरफ आकर्षित होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। शायद युवतियां अपने जीवन में एक ऐसा मर्द चाहती हैं जो उनसे ज्यादा मच्योर हो, अनुभवी हो, आर्थिक रूप से सक्षम हो तथा उसकी सुरक्षा और सही देखभाल कर सके। कहा यह भी जाता है कि किसी भी लड़की के जीवन में उसका पिता ही उसका पहला रोल मॉडल होता है। कहीं-कहीं बड़ा भाई भी इस रोल में फिट हो जाता है। शायद इसीलिए समाज ने इसे सहर्ष स्वीकार कर लिया कि वैवाहिक संबंधों में वर को वधु से कुछ साल बड़ा होना चाहिए। मनोविज्ञान भी इस तथ्य को स्वीकार करता है। पर सूरत में जो हुआ वह इसके सर्वथा विपरीत था। एक शिक्षिका ने पांचवी के एक छात्र से दोस्ती की। वह उसे ट्यूशन पढ़ाती थी। पहले वह उसके घर जाती थी पर फिर उसने उसे अपने घर बुलाना शुरू कर दिया। यह रिश्ता देखते ही देखते जिस्मानी रिश्ते में तब्दील हो गया। बात तब खुली जब एक दिन युवती बच्चे को लेकर भाग गई। बच्चा अब तक 13 बरस का हो चुका था। टीचर भी 23 की हो गई थी। जमकर तलाश शुरू हुई तो एक दिन दोनों पकड़ में भी आ गए। तब जाकर खुलासा हुआ कि 13 साल के उस बच्चे के साथ टीचर के जिस्मानी रिश्ते थे। वह गर्भवती थी और यही कारण था कि वह उसे लेकर भाग खड़ी हुई थी। कोर्ट के आदेश से गर्भपात करा दिया गया है। डीएनए के लिए भ्रुण को सुरक्षित रखने के आदेश दिए गए हैं। फौरी तौर पर युवती को ही दोषी ठहराया जाएगा और कानून भी इसे युवती का अपराध ही मानेगा। पर बात यहीं खत्म नहीं हो जाती। सवाल यह उठता है कि युवती ने उस बालक में ऐसा क्या देखा? कहीं ऐसा तो नहीं कि महिलाएं कभी-कभी मातृत्व की भावना से प्रेरित होकर भी प्रेम कर बैठती हैं? मनोविज्ञान कहता है कि टीचर और स्टूडेंट एक दूसरे के साथ काफी वक्त बिताते हैं। स्टूडेंट जहां अपने टीचर को एक जानकार और मजबूत शख्स के रूप में देखता है वहीं टीचर स्टूडेंट को अपने अनुसार गढऩे की कोशिश कर रहा होता है। यहीं से दोनों का करीब आना शुरू हो जाता है। आम तौर पर यह एक भावनात्मक रिश्ता होता है पर यह रिश्ता इससे आगे तक भी जा सकता है। शिक्षक अपने विद्यार्थी के लिए रक्षात्मक हो सकता है और फिर उसे अपनी सुरक्षा में लेने के लिए प्रयत्नशील हो सकता है। इस मामले में दोनों ही भावनात्मक उथल पुथल की दौर से गुजर रहे थे। संभवत: दोनों के जीवन में भावनात्मक रिक्तता थी, खालीपन था। हो सकता है कि वो इसी खालीपन को भरने की कोशिश कर रहे थे। प्रथमदृष्टया यह गलत तो है पर इसमें गलती किसकी है कहना मुश्किल है।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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