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मध्यप्रदेश के इस शहर में लगेगा पहला पेट्रोकेमिकल प्लांट, 200 तरह के उत्पाद बनेंगे

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) बीना रिफाइनरी का 49 हजार करोड़ के निवेश से विस्तार कार्य शुरू हो गया है। यहां मध्यप्रदेश का पहला और देश का दूसरा बड़ा पेट्रोकेमिकल प्लांट बन रहा है। इसमें कृषि सिंचाई के पाइप, प्लास्टिक आइटम, पेंट सहित केमिकल संबंधी 200 से ज्यादा प्रोडक्ट बनाए जाएंगेप्लांट बनने से सहायक उद्योग लगेंगे। हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। आने वाले दिनों में बीना सहित अशोकनगर, विदिशा, सागर, ग्वालियर व आसपास के लोगों के लिए रोजगार मुहैया होगा।

भांकरई के पास बड़े वेयराहउस का निर्माण तेजी से चल रहा है। समतलीकरण 50 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है। निर्माणाधीन प्लांट रिफाइनरी की तुलना में करीब तीन गुना बड़ा प्रोजेक्ट है। रिफाइनरी, जेपी सहित अन्य उद्योगों के आने से शहर का विस्तार भी हो रहा है।

 शहर को व्यवस्थित करने सबसे पहले रिंग रोड निर्माण की जरूरत है, जिससे भारी वाहन शहर में प्रवेश न करें। रिफाइनरी की वर्तमान सालाना 7.8 मिलियन मीट्रिक टन तेल शोधन करने की है। विस्तार के बाद 15 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी

मध्यप्रदेश के इस शहर में लगेगा पहला पेट्रोकेमिकल प्लांट, 200 तरह के उत्पाद बनेंगे
 

मध्यप्रदेश के इस शहर में लगेगा पहला पेट्रोकेमिकल प्लांट, 200 तरह के उत्पाद बनेंगे
 
  

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बीपीसीएल (भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड) बीना रिफाइनरी का 49 हजार करोड़ के निवेश से विस्तार कार्य शुरू हो गया है। यहां मध्यप्रदेश का पहला और देश का दूसरा बड़ा पेट्रोकेमिकल प्लांट बन रहा है। इसमें कृषि सिंचाई के पाइप, प्लास्टिक आइटम, पेंट सहित केमिकल संबंधी 200 से ज्यादा प्रोडक्ट बनाए जाएंगे।

 प्लांट बनने से सहायक उद्योग लगेंगे। हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। आने वाले दिनों में बीना सहित अशोकनगर, विदिशा, सागर, ग्वालियर व आसपास के लोगों के लिए रोजगार मुहैया होगा।

भांकरई के पास बड़े वेयराहउस का निर्माण तेजी से चल रहा है। समतलीकरण 50 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है। निर्माणाधीन प्लांट रिफाइनरी की तुलना में करीब तीन गुना बड़ा प्रोजेक्ट है। रिफाइनरी, जेपी सहित अन्य उद्योगों के आने से शहर का विस्तार भी हो रहा है।

 शहर को व्यवस्थित करने सबसे पहले रिंग रोड निर्माण की जरूरत है, जिससे भारी वाहन शहर में प्रवेश न करें। रिफाइनरी की वर्तमान सालाना 7.8 मिलियन मीट्रिक टन तेल शोधन करने की है। विस्तार के बाद 15 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी।

समय से चल रहा काम

बीपीसीएल बीना रिफाइनरी चीफ मैनेजर केपी मिरा ने बताया कि पेट्रोकेमिकल प्लांट का कार्य तय सीमा के अनुसार चल रहा है। समय सीमा 2028 है। जुलाई या अगस्त तक सिविल कार्य पूरा होने के बाद प्लांट आकार लेने लगेगा। 

अपार संभावनाएं बनेगी

पेट्रोकेमिकल प्लांट से मिलने वाले केमिकल्स से प्लास्टिक, नायलोन सहित दो सौ से ज्यादा प्रोडक्ट के सहायक उद्योग खुलेंगे, लेकिन सरकार इसके लिए सही दिशा दे तभी यह संभव हो पाएगा और उद्योगपति आगे आएंगे। 

लोगों को रोजगार मिले इसके लिए युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देना जरूरी है। औद्योगिक नगरी के रूप में बीना विकसित हो रहा है, इसके लिए यातायात व्यवस्था में सुधार करने रिंग रोड होना जरूरी है। साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर बहुत जरूरी है, जिससे सड़कों पर लोडिंग-अनलोडिंग न हो और गैरेज भी वहां शिट हो जाएं।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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