भारत के हर घर में लहसुन का मिलना बहुत आम बात है. कई पकवानों में इसका प्रयोग होता है. लहसुन का नियमित उपयोग कई मामलों में शरीर के लिए फायदेमंद साबित होता है. रिसर्च दावा करती हैं कि कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के साथ-साथ कैंसर से लड़ने वाले चिकित्सीय गुण पाए जाते हैं. वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स की सोशल नेटवर्किंग साइट रिसर्च गेट में छपी रिपोर्ट के अनुसार, लहसुन में कई बायोएक्टिव ऑर्गेनोसल्फर वाले कंपाउंड होते हैं, जिसमें एलिसिन भी पाया जाता है. एलिसिन में एंटी कैंसर थेरेप्यूटिक पोटेंशियल है.लहसुन में पाया जाने वाला एलिसिन एक ऐसा कंपाउंड है जो इम्यूनिटी बूस्ट करता है. साथ ही, यह फ्लू और सांस संबंधी समस्याओं से लड़ने में मददगार भी साबित होता है. इतना ही नहीं, यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है. हार्ट हेल्थ का सपोर्ट करने के साथ-साथ, कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है.
पाचन को बेहतर बनाता है
पाचन सुधार में भी लहसुन को बेहतर माना गया है. यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है. इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण पिंपल्स, एक्ने और अन्य स्किन रिलेटेड प्रोब्लम्स को कम करने में मदद करते हैं. एंटीबायोटिक गुणों के लिए पहचाना जाने वाला लहसुन बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से बचाता है.
खाली पेट खाना फायदेमंद
आयुर्वेद के अनुसार, सुबह खाली पेट लहसुन का सेवन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है. सुबह रोजाना लहसुन का सेवन शरीर के इम्यून फंक्शन को बूस्ट करके बैक्टीरिया, वायरस और फंगस को रोकता है. लहसुन नाक की गंदगी को दूर करता है और रेस्पिरेटरी इंफेक्शन को कम करने में मदद करता है.
लिवर डिटॉक्स
आयुर्वेद में लहसुन को ‘एंटी कैंसर पावर’ के नाम से जाना जाता है. वैसे, गर्मी में लहसुन का ज्यादा सेवन करना भी ठीक नहीं है. इससे लिवर पर असर पड़ सकता है. चूंकि कच्चे लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा होता है, इसलिए ज्यादा सेवन से लिवर में टॉक्सिसिटी हो सकती है.अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. जगन्नाथ डॉट कॉम इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)