छत्तीसगढ़

बिहान योजना से मिला हुनर को नया मंच और पहचान, महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं श्रीमती चुन्नी कुम्भकार

कबीरधाम जिले की लखपति दीदी चुन्नी कुम्भकार ने मिट्टी से गढ़ी आत्मनिर्भरता की मिसाल

बिहान योजना से मिला हुनर को नया मंच और पहचान, महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं श्रीमती चुन्नी कुम्भकार

कवर्धा, 21 अप्रैल 2025। सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना ने नारी सशक्तिकरण की एक नई कहानी लिखी है। इस योजना ने जहाँ हज़ारों ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह दिखाई है, वहीं बोड़ला विकासखंड के रेंगाखारकला गाँव की श्रीमती चुन्नी कुम्भकार की प्रेरणादायक यात्रा इस बदलाव की एक जीवंत मिसाल बन गई है। एक समय मिट्टी के साधारण बर्तन बनाकर गुजर-बसर करने वाली चुन्नी आज लखपति दीदी के नाम से जानी जाती हैं। श्रीमती चुन्नी कुम्भकार की मेहनत यह दर्शाता है कि यदि हुनर को सही मंच और सहयोग मिले, तो ग्रामीण महिलाएँ भी सफलता की बुलंदियाँ छू सकती हैं।
श्रीमती चुन्नी कुम्भकार पहले घरेलू उपयोग के लिए मिट्टी के बर्तन, दीये और मूर्तियाँ बनाकर स्थानीय बाज़ारों में बेचती थीं। आमदनी बेहद कम थी, जिससे परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा था। लेकिन सरकार की बिहान योजना ने उनकी ज़िंदगी की दिशा ही बदल दी। जब वे गौरी महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ीं, तो उन्हें प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाज़ार तक पहुँच जैसी अनेक सुविधाएँ प्राप्त हुईं। इससे उन्हें अपनी कला को निखारने और व्यापक स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर मिला। चुन्नी कुम्भकार ने राज्य व जिला स्तरीय मेलों जैसे भोरमदेव महोत्सव और सरस मेला में भाग लेकर न केवल अपने उत्पादों को नई पहचान दी, बल्कि पारंपरिक मिट्टी शिल्प को भी एक नया बाज़ार दिलाया। उनकी सालभर की मेहनत रंग लाई और उन्होंने कुल 1 लाख 80 हजार रुपये का विक्रय किया, जिसमें 1 लाख 20 हजार रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। उनकी यह सफलता यह प्रमाणित करती है कि परिश्रम और योजना का सही संगम आत्मनिर्भरता की सशक्त राह बनाता है।
श्रीमती चुन्नी कुम्भकार ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ने हम जैसी ग्रामीण महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर दिए हैं। बिहान योजना ने हमें सिर्फ कमाई का ज़रिया नहीं दिया, बल्कि आत्म-सम्मान और पहचान भी दी है। अब मैं अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दे पा रही हूँ, परिवार का अच्छे से ख्याल रख पा रही हूँ, और गाँव की दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हूँ। श्रीमती चुन्नी कुम्भकार आज न केवल अपने गाँव की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार की महिला सशक्तिकरण नीति की एक जीवंत और सफल मिसाल भी बन चुकी हैं। उनकी कहानी यह सिद्ध करती है कि जब संकल्प को सहयोग का साथ मिलता है, तो महिलाएँ हर क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बना सकती हैं।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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