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एमपी के इस जिले में 50 करोड़ की लागत से बनेगा बांध, मोहन यादव सरकार ने दी मंजूरी

मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के लिए एक अच्छी खबर आई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने सुसरी नदी पर 50 करोड़ रुपये की लागत से बांध बनाने की मंजूरी दे दी है। मध्य प्रदेश सुसरी नदी बांध मंजूरी 2025 के तहत यह बांध पानसेमल तहसील के राखी बुजुर्ग गाँव में बनेगा। इससे किसानों को खेती के लिए पानी, गाँवों को पीने का पानी और बाढ़ से राहत मिलेगी। आइए, इस बांध के बारे में आसान भाषा में सब कुछ जानते हैं।मध्य प्रदेश सुसरी नदी बांध मंजूरी 2025 का लक्ष्य बड़वानी जिले में पानी की कमी को दूर करना है। सुसरी नदी पर बनने वाला यह बांध राखी बुजुर्ग और आसपास के गाँवों में पानी की जरूरतों को पूरा करेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा खेती को होगा, क्योंकि इससे खेतों में समय पर पानी मिलेगा। साथ ही, यह बांध बारिश के मौसम में बाढ़ को रोकने में भी मदद करेगा। पानसेमल के विधायक श्याम बर्डे ने कहा, “यह बांध हमारे गाँवों के लिए बहुत जरूरी है। यह किसानों की जिंदगी बेहतर बनाएगा।”

किसानों और गाँवों को क्या फायदा होगा?

मध्य प्रदेश सुसरी नदी बांध मंजूरी 2025 से बड़वानी के कई गाँवों को लाभ होगा। यह बांध करीब 5000 हेक्टेयर खेतों में पानी पहुँचाएगा, जिससे गेहूँ, चना, कपास और दूसरी फसलों की पैदावार बढ़ेगी। किसानों को अब बारिश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके अलावा, गाँवों में पीने के पानी की समस्या भी कम होगी। बांध से बाढ़ का खतरा भी घटेगा, जो हर साल मानसून में गाँववालों के लिए परेशानी बनता है। स्थानीय लोग खुश हैं और कह रहे हैं, “यह बांध हमारी जिंदगी बदल देगा।”

बांध की लागत और निर्माण की योजना

मध्य प्रदेश सुसरी नदी बांध मंजूरी 2025 के तहत इस बांध को बनाने में 50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मोहन यादव सरकार ने इसके लिए पैसा मंजूर कर दिया है। निर्माण कार्य जल्द शुरू होगा और 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। बांध को इस तरह बनाया जाएगा कि गाँवों का कम से कम नुकसान हो। सरकार का कहना है कि डूब में आने वाली जमीन के लिए मुआवजा और दूसरी सुविधाएँ दी जाएँगी। निर्माण के दौरान गाँववालों को मजदूरी का मौका भी मिलेगा, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।

अभी क्या हैं चुनौतियाँ?

मध्य प्रदेश सुसरी नदी बांध मंजूरी 2025 को लेकर कुछ लोग चिंतित भी हैं। कुछ गाँववालों को डर है कि बांध बनने से उनकी जमीन या घर डूब सकते हैं। इसके अलावा, कुछ पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि बांध से नदी का प्राकृतिक प्रवाह प्रभावित हो सकता है। लेकिन सरकार ने भरोसा दिया है कि डूब क्षेत्र को कम से कम रखा जाएगा और पर्यावरण का ध्यान रखा जाएगा। मोहन यादव ने कहा, “हम गाँववालों की हर चिंता का समाधान करेंगे और यह बांध क्षेत्र के लिए वरदान होगा।” क्या यह बांध बड़वानी के लिए नया विकास लाएगा? यह समय बताएगा।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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