मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बीती रात राजधानी भोपाल के टी.टी नगर में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक बार फिर इस बात की पुष्टि की कि, शहर में सम्राट विक्रमादित्य और राजा भोज के नाम पर दो प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। सीएम मोहन यादव ने कहा कि पहला द्वार भोपाल-इंदौर मार्ग पर बनेगा, जिसका नाम सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर रखा जाएगा, जबकि दूसरा द्वार भोपाल से भोजपुर मंदिर की दिशा में बनाया जाएगा, जिसका नाम राजा भोज के नाम पर होगा।
इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राजधानी भोपाल का महत्व ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बाद से बढ़ गया है। राज्य सरकार विरासत से विकास को प्रमुख मानती है। इस नाते भोपाल के गौरवशाली इतिहास का स्मरण आवश्यक है। विक्रम संवत 2082 प्रारंभ होने पर समस्त नागरिकों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य ने न्याय, वीरता और सुशासन के आयाम स्थापित किए। ऐसा ही उनके शासनकाल के 1000 वर्ष बाद राजा भोज ने भी सुशासन और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में उदाहरण प्रस्तुत किया।
कवियों का सम्मान
सीएम ने कवि सम्मेलन में देशभर से कार्यक्रम में शामिल होने आए कवियों का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख संत गण का भी मंच पर सम्मान किया। सीएम ने सम्राट विक्रमादित्य के सनातन संस्कृति के संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों का विशेष रूप से उल्लेख किया। साथ ही, विक्रम संवत प्रणाली और भारतीय काल गणना पद्धति की भी विशेष जानकारी दी।