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भारत का आर्थिक गुलाम बन जाएगा पाकिस्तान… शहबाज और मुनीर के ‘ग्रेटर पंजाब’ प्‍लान से बौखलाए पाकिस्तानी, बताए खतरे

इस्लामाबाद: भारत से कारोबारी संबंध बनाने के लिए पाकिस्तान अब ‘ग्रेटर पंजाब’ बनाना चाहता है। ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल को पाकिस्तान की सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ साथ शहबाज शरीफ की सरकार के नेताओं का समर्थन मिला हुआ है। इसका मतलब ये नहीं है कि पाकिस्तान अपने पंजाब का भारतीय पंजाब के साथ फिर से मिलना चाहता है, बल्कि इसका मकसद करतारपुर कॉरिडोर के मॉडल पर एक कारोबारी कॉरिडोर बनाना है। इसके जरिए पाकिस्तान, भारत के साथ कारोबारी संबंध को मजबूत करना चाहता है। पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी आदिल रजा ने इस मॉडल का खुलासा किया है और कहा है कि पाकिस्तान का मकसद दोनों देशों के बीच एक ‘सॉफ्ट बॉर्डर’ बनाना है।आदिल रजा ने आरोप लगाए हैं कि शहबाज शरीफ की सरकार, भारत समर्थित है और ये मुक्त व्यापार और सीमा पार आवाजाही को सुविधाजनक बनाने की कोशिश कर रही है। इसका मकसद दोनों पंजाबों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना है। लेकिन उन्होंने कहा है कि ये मॉडल पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश करता है। उन्होंने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था विशालकाय है और पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल है, जिसकी वजह से पाकिस्तान, भारत के सामने एक पल भी टिक नहीं पाएगा और उसे काफी ज्यादा नुकसान हो जाएगा।पाकिस्तान का ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल क्या है?
आदिल रजा का दावा है कि पाकिस्तान के ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल में सिंध (कराची सहित), खैबर पख्तूनख्वा के साथ ग्रैंड ट्रंक रोड और भारत के बीच नरम सीमाओं और बढ़े हुए व्यापार का प्रस्ताव है, जिसे एक आर्थिक अवसर के तौर पर तैयार किया गया है। लेकिन दोनों अर्थव्यवस्थाओं की अर्थव्यवस्था में आकाश पाताल का अंतर है और अगर पाकिस्तान इस मॉडल के पीछे भागता है तो वो दिन दूर नहीं होगा, जब वो भारत का एक ‘सैटेलाइट स्टेट’ बनकर रह जाएगा। भारत की इकोनॉमी अब 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को छू चुकी है, जबकि पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। आदिल रजा ने कहा है कि भारत के पास एक मजबूत टेक्नोलॉजी बेस है, उसके पास पहले से ही स्थापित ग्लोबल ट्रेड नेटवर्क है, जिसके सामने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बौनी नजर आती है। पाकिस्तान IMF के लोन पर पल रहा है और भ्रष्टाचार से ग्रसित एक भ्रष्ट देश बन चुका है।

उन्होंने कहा कि ‘पंजाब कॉरिडोर’ के रास्ते अगर व्यापार शुरू किया गया तो पाकिस्तान के कारोबारी भारतीय कारोबारियों के सामने दो मिनट भी नहीं ठहर पाएंगे। क्योंकि भारतीय कारोबारियों के पास एक मजबूत टेक्नोलॉजिकल नेटवर्क है, अत्यधिक कुशल कारीगर हैं और भारत के पास वस्तुओं के निर्माण के लिए एक विशाल बाजार है, जिसका पाकिस्तान पर उलटा ही असर होगा और इससे पाकिस्तान का उद्योग, पाकिस्तान की खेती चौपट हो सकती है।पाकिस्तान के लिए आर्थिक जुआ है ‘ग्रेटर पंजाब’
आदिल रजा ने आरोप लगाए हैं कि पाकिस्तान की सेना और शहबाज शरीफ की सरकार का ‘ग्रेटर पंजाब’ एक आर्थिक जुआ है, जिससे पाकिस्तान आर्थिक तौर पर भारत का गुलाम बन सकता है। उन्होंने कहा है कि छोटे समय में तो पाकिस्तान को इसका निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा, लेकिन आगे चलकर पाकिस्तान आर्थिक तौर पर भारत पर निर्भर हो जाएगा। इससे पाकिस्तान आर्थिक तौर पर विभाजित हो जाएगा। इसके अलावा इस मॉडल में बलूचिस्तान, दक्षिणी खैबर पख्तूनख्वा नहीं होगें, जिससे इन क्षेत्रों में कारोबार पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भले ही ‘ग्रेटर पंजाब’ मॉडल को फॉलो करे, लेकिन भारत आर्थिक जुड़ाव में दिलचस्पी रखने के बावजूद बलूचिस्तान के लिए अपनी प्राथमिकता को कम नहीं करेगा, उसका मकसद बलूचिस्तान में चीन को रोकना होगा, जिसका आखिरकार नुकसान पाकिस्तान को ही होगा। आदिल रजा ने भले ही कई आरोप लगाए हैं लेकिन भारत में ‘ग्रेटर पंजाब’ जैसे मॉडल की अभी तक कोई चर्चा नहीं है और भारत-पाकिस्तान के बीच का कारोबार भी कई सालों से बंद है।

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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