भोपाल: मध्य प्रदेश के करीब सवा लाख कर्मचारी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतर आए हैं. सोमवार को राजधानी के अंबेडकर मैदान में प्रदेशभर से आए इन कर्मचारियों ने शांतिपूर्ण आंदोलन किया. साथ ही मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को मांगों से संबंधित ज्ञापन भी सौंपा. कर्मचारियों ने बताया कि सरकार उनकी लंबित मांगों पर विचार नहीं कर रही है, ऐसे में उन्हें काम बंद हड़ताल करनी पड़ रही है. यदि सरकार जल्द इस पर कुछ निर्णय नहीं लेती, तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.
हड़ताल में 32,000 स्थायी कर्मचारी शामिल
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि “23 मार्च 2025 से 32 हजार स्थायी कर्मचारी, 28 हजार दैनिक वेतन भोगी और 55 हजार अंशकालिक कर्मचारी काम बंद हड़ताल में शामिल हो रहे हैं. पांडे ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के स्थायी कर्मियों, दैनिक वेतनभोगियों और अंशकालिक कर्मचारियों के अधिकारों का हनन कर रही है. यदि कर्मचारियों की मांगो पर सरकार विचार नहीं करती तो अन्य कर्मचारी संगठन भी तेज आंदोलन के लिए मैदान में उतर सकते हैं. पांडे ने बताया कि जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, आंदोलन चलता रहेगा.”
अशोक पांडे ने बताया कि “राज्य सरकार प्रदेश के अनियमित संवर्ग के स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी और अंशकालीन कर्मचारी की मांगों को लंबे समय से संज्ञान में लेकर मंजूर नहीं कर रही है. न्यायालय आदेश होने के बावजूद भी सरकार अनियमित संवर्ग के कर्मचारियों को न्यायालय आदेश का लाभ नहीं दे रही है. स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं दिया जा रहा है. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा रहा है.”
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नहीं मिल रहा न्यूनतम वेतनमान
पांडे ने बताया कि सभी अनियमित संवर्ग के दैनिक वेतन भोगी सुरक्षा श्रमिक एवं श्रमिकों को 21000 रुपये न्यूनतम वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है. सभी विभाग के अनियमित कर्मचारियों को 10 लाख रुपए ग्रेच्युटी का भुगतान करने के आदेश जारी नहीं किया जा रहे है.
इलाज की मांग
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अनियमित कर्मचारी, स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, अंशकालीन कर्मचारी को 10 लाख रुपए का बीमा एवं 5 लाख रुपये तक के मेडिकल सुविधा का लाभ देने की मांग मंजूर नहीं की गई है. अनियमित कर्मचारियों को पेंशन सुविधा का लाभ नहीं दिया जा रहा है. अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्ण कालिक दैनिक वेतन भोगी नहीं बनाया गया है. यहां तक की अनियमित संवर्ग के कर्मचारियों को 6 महीने वेतन भुगतान नहीं किया जाता है. जबकि सरकार का आदेश है की माह की 5 तारीख तक वेतन भुगतान कर दिया जाएगा.