छत्तीसगढ़

मामा की प्रोपर्टी में भांजे ने मांगा हिस्सा, हाईकोर्ट ने दिया ये फैसला

दादा-पिता की प्रोपर्टी में बेटे-पोते से हक की मांग के तो आपने कई मामले देखे-सुने होंगे, पर नाना-मामा की प्रोपर्टी में भांजे के दावे से जुड़े मामले कम ही सामने आए होंगे। यहां पर एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें हाई कोर्ट ने अहम फैसला (high court decision) सुनाया है। हाई कोर्ट का यह फैसला एक बेटी के बच्चों का अपने पिता की संपत्ति में अधिकारों को स्पष्ट करता है। आइये जानते हैं कोर्ट का यह डिसिजन।

इस निर्णय पर पहुंची कोर्ट – 

 

इस मामले में फिलहाल कोर्ट ने संपत्ति की बिक्री पर रोक लगा दी है। मामा-भांजे के प्रोपर्टी विवाद (Property rights of nephew)  में हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि बेटी की मौत के बाद भी उसके पति और बच्चों का बेटी के पिता की प्रोपर्टी (daughter’s Property rights) में उसी तरह अधिकार माना जाएगा, जिस तरह से एक बेटे के निधन के बाद उसके बच्चों व पत्नी का होता है। अब हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला लेते हुए अगले आदेश तक दूसरे पक्ष को संपत्ति की बिक्री करने व कब्जा रखने से रोक दिया है।

भांजे ने जताया था प्रोपर्टी में हक –

 

यह मामला एक भांजे व दो मामा (uncle nephew Property dispute) के बीच का है। यह भांजा अपनी मां का हिस्सा मांग रहा था। इसी के चलते कोर्ट में मामा-भांजे के बीच उपजे संपत्ति विवाद पर सुनवाई हुई। कोर्ट (high court decision) के अनुसार भांजे ने अपने दो मामाओं पर याचिका दायर की हुई है। मामा ने जब भांजे को नाना की संपत्ति में अधिकार देने से मना किया तो मामला कोर्ट तक जा पहुंचा।

बेटी के बच्चों का भी प्रोपर्टी में हक-

 

अदालत ने इस मामले में सुनवाई करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि बेटे की तरह ही एक बेटी के निधन के बाद भी पिता की संपत्ति में उसके बच्चों का अधिकार रहता है। कोर्ट (HC decision on property rights) ने कानूनी प्रावधानों को देखते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में संपत्ति में हिस्से का निर्धारण जब तक न हो जाए, तब तक दूसरा पक्ष संपत्ति की बिक्री न करे,  अन्यथा आगामी कार्रवाई की जा सकती है।अब इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई तक उक्त संपत्ति (property rights) का संबंधित कार्यालय को मूल्यांकन करने का भी आदेश दिया है। इस मामले में कोर्ट ने क्लियर कर दिया है कि याची यानी भांजे की मां उक्त संपत्ति में उत्तराधिकारी थी। उसका अपने पिता की प्रोपर्टी (property rights in law) में एक तिहाई हिस्सा बनता है। इस वजह से भांजे की याचिका वाजिब हो सकती है, इसे देखते हुए फिलहाल प्रोपर्टी की बिक्री आदि पर रोक लगा दी गई है। इसे यथास्थिति में रखा जाएगा। कोर्ट का इस मामले में अगला आदेश आने तक दूसरा पक्ष संपत्ति (daughter’s property rights) की बिक्री किसी सूरत में नहीं कर सकेगा।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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